Constitution Day 2025: आज (26 नवंबर) को भारत अपने संविधान को अपनाए जाने की 76वीं वर्षगांठ को संविधान दिवस के तौर पर मना रहा है। साल 1949 में इसी दिन संविधान को अपनाया गया था और इसके दो महीने बाद 26 जनवरी 1950 को देश में लागू हुआ। इस मौके पर देश भर की राजनीतिक हस्तियां संविधान दिवस की शुभकामनाएं दे रही हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का बड़ा बयान सामने आया है।
Constitution Day 2025: आज (26 नवंबर) को भारत अपने संविधान को अपनाए जाने की 76वीं वर्षगांठ को संविधान दिवस के तौर पर मना रहा है। साल 1949 में इसी दिन संविधान को अपनाया गया था और इसके दो महीने बाद 26 जनवरी 1950 को देश में लागू हुआ। इस मौके पर देश भर की राजनीतिक हस्तियां संविधान दिवस की शुभकामनाएं दे रही हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का बड़ा बयान सामने आया है।
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को एक्स पोस्ट के जरिये संविधान दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा, “आज, इस संविधान दिवस पर, मैं हमारे महान संविधान, उस महान दस्तावेज़ को, जो हमें भारत में जोड़ता है, अपना गहरा सम्मान और श्रद्धांजलि देती हूं। मैं आज हमारे संविधान के दूरदर्शी निर्माताओं, खासकर इसके मुख्य आर्किटेक्ट डॉ. बी. आर. अंबेडकर को भी श्रद्धांजलि देती हूं। मैं खास तौर पर बंगाल से संविधान सभा के सदस्यों को भी श्रद्धांजलि देती हूं, जिन्होंने संविधान बनाने में अहम भूमिका निभाई।”
Today, on this Constitution Day, I pay my deepest respect and tribute to the great Constitution that we have, to the great document that binds us in India.
I also pay my tribute today to the visionary framers of our Constitution, especially Dr. B. R. Ambedkar, its principal…
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) November 26, 2025
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पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने आगे लिखा, “मेरा मानना है कि हमारा संविधान हमारे देश की रीढ़ है, जो हमारी संस्कृतियों, भाषाओं और समुदायों की बहुत ज़्यादा विविधता को एक साथ जोड़कर एक एकीकृत, फ़ेडरल देश बनाता है। इस पवित्र दिन पर, हम अपने संविधान में दिए गए मुख्य डेमोक्रेटिक मूल्यों के प्रति अपना कमिटमेंट फिर से दिखाते हैं और उन पवित्र सिद्धांतों की सावधानी से रक्षा करने का वादा करते हैं जो हमें एक देश के तौर पर पहचान देते हैं और बनाए रखते हैं।”
ममता बनर्जी ने लिखा, “अब, जब डेमोक्रेसी दांव पर है, जब सेक्युलरिज़्म संकटग्रस्त स्थिति में है, जब फ़ेडरलिज़्म को बुलडोज़र से दबाया जा रहा है, इस ज़रूरी समय में, हमें अपने संविधान से मिलने वाली कीमती गाइडेंस की रक्षा करनी चाहिए।”