भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्यसभा में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर विशेष चर्चा में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि, पिछले दो दिनों में लगभग 80 से ज़्यादा हमारे सांसदों ने वंदे मातरम् पर अपने वक्तव्य दिए हैं। यह बताता है कि यह विषय कितना समसामयिक है।
नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्यसभा में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर विशेष चर्चा में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि, पिछले दो दिनों में लगभग 80 से ज़्यादा हमारे सांसदों ने वंदे मातरम् पर अपने वक्तव्य दिए हैं। यह बताता है कि यह विषय कितना समसामयिक है। हम वंदे मातरम् पर चर्चा करते हुए आज की युवा पीढ़ी, जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई नहीं देखी, जिन्होंने आज़ादी के बारे में सिर्फ इतिहास के पन्नों में पढ़ा है, उन्हें भी यह जानकारी इस चर्चा के माध्यम से गहराई से मिलने वाली है। जो युवा पीढ़ी को प्रेरित करेगी।
उन्होंने आगे कहा, वंदे मातरम्, इतिहास की बहुत-सी घटनाओं का साक्षी है। जो घटनाएं आज़ादी के समय घटीं, उनमें वंदे मातरम् के मंत्र ने ऊर्जा का काम किया है। वंदे मातरम्, एक मंत्र है, एक ऊर्जा है, एक प्रण है, एक संकल्प है। वंदे मातरम्, मां भारती की साधना है, सेवा है और आराधना है। कल जयराम रमेश जी ने अपने वक्तव्य का समापन करते समय कहा कि इस चर्चा का एक ही मकसद है, जवाहरलाल नेहरू को बदनाम करना। लेकिन मैं स्पष्ट कहना चाहता हूं कि हमारा उद्देश्य भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को बदनाम करना नहीं है, बल्कि हमारा उद्देश्य भारत के इतिहास को रिकॉर्ड पर ‘स्ट्रेट’ रखने का जरूर है। मैं जयराम रमेश को कहना चाहूंगा कि जब कोई घटना घटती है, तब जिम्मेदार सरदार ही होता है, और उस समय कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस पार्टी की सरकार के सरदार जवाहरलाल नेहरू ही थे।
जेपी नड्डा ने आगे कहा, जो आपको सूट करता है, तब आप नेहरू काल की चर्चा करते हैं, और जो आपको सूट नहीं करता है तब आप सुभाष चंद्र बोस को ले आते हैं, रवींद्रनाथ टैगोर को ले आते हैं। श्रेय लेना है, तो तकलीफ़ में जब देश आया, उसकी जिम्मेदारी भी लेनी होगी। मैं राष्ट्रगान का पूरे मन से सम्मान करता हूं और उसके सम्मान में अपना पूरा जीवन समर्पित करता हूं। लेकिन मैं जानना चाहता हूं कि Constituent Assembly में राष्ट्रगान पर कितनी देर चर्चा हुई? राष्ट्रीय ध्वज पर तो आपने कमेटी बिठाई, कमेटी की रिपोर्ट आई और उस पर विस्तृत चर्चा हुई, लेकिन जब राष्ट्रगान की बारी आई, तब आपने क्या किया?