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प्रदेश में ट्रांसमिशन टॉवरों की ड्रोन पेट्रोलिंग से ब्रेकडाउन में कमी

220 के व्ही के 10000 ट्रांसमिशन टावरों की ड्रोन से पेट्रोलिंग की शुरुआती सफलता के बाद अब इसके अगले चरण में मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने इसे विस्तारित करते हुए अपने 400 एवं 132 के व्ही के 23000 ट्रांसमिशन टावरों की पेट्रोलिंग ड्रोन से प्रारंभ कर दी है ।

By Shital Kumar 
Updated Date

भोपाल। मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एम पी ट्रांसको)में एक्स्ट्रा हाई टेंशन ट्रांसमिशन टावरों की ड्रोन से पेट्रोलिंग के प्रयोग को सफलता मिली है । मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जानकारी दी कि 220 के व्ही के 10000 ट्रांसमिशन टावरों की ड्रोन से पेट्रोलिंग की शुरुआती सफलता के बाद अब इसके अगले चरण में मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने इसे विस्तारित करते हुए अपने 400 एवं 132 के व्ही के 23000 ट्रांसमिशन टावरों की पेट्रोलिंग ड्रोन से प्रारंभ कर दी है ।

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मंत्री श्री तोमर ने बताया कि इससे फॉल्ट की सटीक पहचान करने और उसका समय पर सुधार कार्य करने में काफी मदद मिल रही है, जिससे एकस्ट्रा हाईटेंशन लाइनों में ब्रेक डाउन को कम करने में सफलता मिली है। दुर्गम इलाकों में अब टॉवरों की सटीक हाईटेक मॉनिटरिंग की जा रही है, इसके जरिए मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने फॉल्ट आने के पहले ही उसमें सुधार कर लिया , इसके कारण पिछले एक साल में जिन लाइनों में ड्रोन पेट्रोलिंग की गई है, उनके ब्रेक डाउन में कमी आई है।

ड्रोन से हो रही है पेट्रोलिंग
ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने बताया कि मध्यप्रदेश में लगभग 8040 कि.मी. एकस्ट्रा हाईटेंशन लाइनों के टॉवरों की ड्रोन से निगरानी की जा रही है। इसमें 400 के.व्ही. की 21 एवं 132 के.व्ही की 245 लाइनें शामिल है। ड्रोन के जरिए अभी फिलहाल 400 एवं 132 के.व्ही. अति उच्चदाब लाइन टॉवरों की ड्रोन के जरिए पेट्रोलिंग की जा रही है।

एक जगह से चार किमी तक कंट्रोल होता है ड्रोन

ड्रोन के द्वारा एक स्थान से लगभग चार से पांच किलोमीटर दूर तक के टॉवरों की पेट्रोलिंग की जा सकती है। ड्रोन द्वारा दी गई तस्वीरों को एनालाइज किया जाता है।

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23 हजार टॉवरों की हो रही हैं पेट्रोलिंग

ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने बताया कि मध्य प्रदेश में 43 हजार किलोमीटर सर्किट से अधिक की लाइनें हैं और 90 हजार के लगभग ट्रांसमिशन टॉवर हैं। वर्तमान में करीब 23000 टॉवरों की ड्रोन से पेट्रोलिंग की जा रही है। ड्रोन पेट्रोलिंग की शुरुआत में कुछ चुनिंदा टॉवरों को शामिल किया गया था, जब इन टॉवरों में यह प्रयोग सफल हुआ, तब इसे आगे बढ़ाया गया है।
म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा एकस्ट्रा हाईटेंशन टॉवरों की ड्रोन से पेट्रोलिंग करने से जहां दुर्गम स्थानों के टॉवरों की टॉप पेट्रोलिंग सहजता से संभव हो रही है, वहीं ट्रांसमिशन टॉवरों में फाल्ट आने के पहले समय रहते पता लगने से अनावश्यक व्यवधान से बचा जा रहा है।

 

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