hindi.pardaphash.com ने बीते माह 16 नवंबर को लखनऊ कैसे बनेगा स्मार्ट सिटी, जब अंधेरे में डूब जाती हैं ऐतिहासिक इमारतें, शाम-ए-अवध बनी गुमनामी का शिकार शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इस खबर के माध्यम से हमने मुद्दा उठाया था कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्मार्ट सिटी के सपने को लखनऊ विकास प्राधिकरण, नगर निगम और निर्माण निगम पूरा करने में असमर्थ हैं।
लखनऊ। hindi.pardaphash.com ने बीते माह 16 नवंबर को लखनऊ कैसे बनेगा स्मार्ट सिटी, जब अंधेरे में डूब जाती हैं ऐतिहासिक इमारतें, शाम-ए-अवध बनी गुमनामी का शिकार शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इस खबर के माध्यम से हमने मुद्दा उठाया था कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्मार्ट सिटी के सपने को लखनऊ विकास प्राधिकरण, नगर निगम और निर्माण निगम पूरा करने में असमर्थ हैं। इनकी अनदेखी की वजह से पूरे शहर में कीचड़ गड्ढे पाइप लाइन के नाम पर खुदी हुई सड़कें गलियों और रास्तों पर बदबू मारता हुआ कूड़ा लखनऊ को स्मार्ट सिटी बनाने में बाधा डाल रहा है। साथ ही साथ पहले लखनऊ की जो ऐतिहासिक इमारतें रात होते ही जगमगाने लगती थी। अब वो ही इमारतें शाम होते ही अंधेरे में डूब जाती हैं।
गोमती पर बना हुआ पक्का पुल दिन के उजाले में सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करने के साथ-साथ पर्यटन विभाग को अपनी खूबसूरती बेजोड़ कारीगरी के दम पर फायदा पहुंचाते हैं। मगर अवध की शाम होते-होते हमारा वजूद अंधेरों के हवाले हो जाता है। कहीं ऐसा न हो कि शाम ए अवध भी गुमनामियों के अंधेरों में खो जाए।
इस खबर का असर यह हुआ कि 109 साल पुराने पक्का पुल के ऊपरी हिस्से की जांच सोमवार तक पूरी हो जाएगी। इसके बाद इस पर हल्के वाहन चलने लगेंगे भारी वाहनों की आवाजाही जांच रिपोर्ट आने तक बंद रहेगी। शनिवार को भी लोड टेस्टिंग हुई, जो रविवार को जारी रहेगी। 300 मीटर लंबे पुल पर पांच आच हैं। इनकी मजबूती जांचने के लिए लोड टेस्टिंग चल रही है। हर आर्च पर 24 घंटे के लिए 30-30 क्विंटल मलबे से लदे चार ट्रक खड़े किए जा रहे हैं।
सोमवार से चलने लगेंगे हल्के
पक्का पुल की शनिवार को भी हुई जांच। जांच करने वाली टीम के मुखिया डीएन तिवारी ने बताया कि सोमवार से पुल के नीचे की जांच होगी। इस दौरान ऊपर हल्के वाहनों की आवाजाही चलती रहेगी। पूरे पुल की जांच मंगलवार तक हो पाएगी, जिसकी रिपोर्ट 30 दिसंबर तक आएगी। तब तक भारी वाहन नहीं चलेंगे पुल की मजबूती जांचने के लिए कोर टेस्ट और कैपो टेस्ट भी किए जा रहे हैं कोर टेस्ट में रोड से पुल पर ग्राइंडर से छेद किया गया। इसमें निकली निर्माण सामग्री की जांच से पता चलेगा कि अभी आज पूरा हो जाएगा लोड टेस्ट रविवार को लोड टेस्ट पूरा होने के बाद सोमवार से पुल पर हल्के वाहन चलने लगे। जब तक रिपोर्ट नहीं आएगी, भारी वाहन नहीं चलेंगे।
अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग मनीष वर्मा ने बताया कि यह कितनी अच्छी है कैपो (कट एंड पुल आउट) टेस्ट में पुल के नीचे की साइड में दीवार से छेद करके देखा जाता है कि यहां से पुल कितना मजबूत है। एक आर्च में 10 कैपो टैस्ट किए जा रहे हैं, जिसमें पांच से छह घंटे लग रहे हैं। यह टेस्ट मंगलवार तक पूरा होगा।
शिफ्ट नहीं हो सकेगी पुल से गुजर रही पानी की पाइपलाइन
लोक निर्माण विभाग ने पक्का पुल को नुकसान से बचाने के लिए इससे गुजर रही पानी की लाइन को शिफ्ट करने की जरूरत बताई है। उधर, जलकल के महाप्रबंधक राम कैलाश ने बताया कि पुल पर दोनों तरफ मौजूद आठ-आठ इंच की लाइन की मरम्मत तो हो सकती है, पर इसे शिफ्ट नहीं किया जा सकता। आगे भी ऐसा तभी होगा, जब प्रबंध नगर योजना के फैला में प्रस्तावित चौथा जलकल तैयार हो जाएगा पुल के नीचे नदी न होती तो पाइपलाइन शिफ्ट करने में समस्या नहीं आती। ऐशबाग पुल के नीचे रेलवे लाइन थी। ऐसे में पाइपलाइन को इसके नीचे से निकाल दिया गया। पक्का पुल पर ऐसी गुंजाइश नहीं है। इस पर से गुजर रही पाइपलाइन से त्रिवेणीनगर, मनकामेश्वर, फैजुल्लागंज, बाबूगंज को पानी की टकिय भरी जाती हैं। चौथा जलकल बनने पर पतंग पार्क जोनल पंपिंग स्टेशन को इससे जोड़ दिया जाएगा। फिर पाइपलाइन को हटाया जा सकता है