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यूपी में 8000 करोड़ के सोलर प्रॉजेक्ट को एम्पावर्ड कमेटी ने दी हरी झंडी, जल्द ही योगी कैबिनेट से मिल सकती है अंतिम मंजूरी

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह (Chief Secretary Manoj Kumar Singh) की अध्यक्षता में हुई एम्पावर्ड कमेटी (Empowered Committee) की बैठक में SAEL सोलर पी6 प्राइवेट लिमिटेड (SAEL Solar P6 Private Limited) के प्रस्ताव की आगे बढ़ाने की संस्तुति कर दी गई। जल्द ही इसे कैबिनेट के सामने अंतिम मंजूरी के लिए रखा जाएगा।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ: यूपी में सोलर इक्विपमेंट (Solar Equipment) बनाने के 8000 करोड़ रुपये का जो निवेश प्रस्ताव इन्वेस्ट UP के CEO अभिषेक प्रकाश (Abhishek Prakash)  व उनके सहयोगियों की कमीशन की चाहत की भेंट चढ़ गया था, अब उसे हरी झंडी मिल गई है। गुरुवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह (Chief Secretary Manoj Kumar Singh) की अध्यक्षता में हुई एम्पावर्ड कमेटी (Empowered Committee) की बैठक में SAEL सोलर पी6 प्राइवेट लिमिटेड (SAEL Solar P6 Private Limited) के प्रस्ताव की आगे बढ़ाने की संस्तुति कर दी गई। जल्द ही इसे कैबिनेट के सामने अंतिम मंजूरी के लिए रखा जाएगा।

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SAEL ने नोएडा के यमुना सिटी एरिया में सोलर सेल, सोलर पैनल व सोलर प्लांट लगाने के लिए उपकरणों के निर्माण की यूनिट लगाने के लिए आवेदन किया था। लगभग 8000 करोड़ के इस प्रॉजेक्ट के लिए इन्वेस्ट यूपी में ऑनलाइन आवेदन किया गया। यूपी औद्योगिक निवेश व रोजगार प्रोत्साहन नीति (UP Industrial Investment and Employment Promotion Policy) के तहत आए ऑनलाइन आवेदनों पर लेटर ऑफ कंफर्ट निर्गत किए जाने की समीक्षा व मूल्यांकन के लिए इन्वेस्ट UP के CEO की अगुआई में कमेटी बनी थी।

कंपनी के आवेदन पर विचार से पहले ही दलाल निकांत के जरिए 5% कमीशन मांगा जाने लगा। आरोप इन्वेस्ट UP के तत्कालीन CEO अभिषेक प्रकाश (Abhishek Prakash) पर लगा। निवेशक की शिकायत पर 20 मार्च को अभिषेक प्रकाश (Abhishek Prakash)  को सस्पेंड कर दिया गया और दलाल निकांत जैन को FIR दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया था।

निलंबन होते ही रास्ता साफ

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह (Chief Secretary Manoj Kumar Singh)  के पास ही अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (IIDC) का भी चार्ज है। अभिषेक प्रकाश (Abhishek Prakash)  के खिलाफ कमीशनखोरी की शिकायत की शुरुआती जांच भी उन्होंने ही की थी। निलंबन के बाद SEAL के साथ ही इन्वेस्ट UP में लंबित चल रहे सभी प्रॉजेक्ट की समीक्षा की गई। कौन किस स्तर पर लंबित है, वजहें क्या हैं, इसकी पड़ताल की गई।

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अभिषेक को इन्वेस्ट UP से हटाए जाने के एक सप्ताह के भीतर ही गुरुवार को SEAL का निवेश प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया है। कंपनी ने निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत लैंड सब्सिडी, प्रतिदिन 14-25 मेगालीटर वॉटर व 80-90 मेगावाट बिजली के साथ् ही सेंटर ऑफ एक्सिलेंस स्थापित करने के लिए भी जमीन मांगी है। निवेश के चरण व उत्पादन की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के साथ ही नियमानुसार सब्सिडी दी जाएगी।

यमुना अथॉरिटी एरिया में लगना है प्रॉजेक्ट

यह प्रॉजेक्ट नोएडा के यमुना अथारिटी के सेक्टर-8 में लगेगा। इसके लिए लगभग 200 एकड़ जमीन मांगी जाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कंपनी ने जो निवेश प्रस्ताव दिया है, उसके अनुसार परियोजना को वह दो चरणों में पूरा करेगी। पहले चरण में कंपनी लगभग ढाई साल में उत्पादन की प्रक्रिया शुरू करेगी। इसके लिए 4500 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिसमें सोलर सेल व पीवी मॉड्यूल के लिए 3900 करोड़ और पावर प्लांट के लिए 600 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके जरिए 5 हजार मेगावाट की उत्पादन क्षमता जुड़ेगी। दूसरे चरण में लगभग 3500 करोड़ रुपये खर्च करके कंपनी प्रॉजेक्ट का विस्तार करेगी।

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