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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा का किया नेतृत्व, आतंवाद पर सभी ने दिखाया कड़ा रुख, अगले वर्ष भारत में होनी है बैठक

80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के अवसर पर आयोजित ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के विरुद्ध कड़ा रुख दिया। अगले वर्ष 2026 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक भारत में होनी है। इस कारण बैठक की अध्यक्षता विदेश मंत्री जय शंकर कर रहे है। बैठक में व्यापार-प्रतिबंधात्मक उपायों पर चिंता जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।

By Satish Singh 
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नई दिल्ली। 80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) के अवसर पर आयोजित ब्रिक्स विदेश मंत्रियों (brics foreign ministers) की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद (terrorism) के विरुद्ध कड़ा रुख दिया। अगले वर्ष 2026 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक भारत में होनी है। इस कारण बैठक की अध्यक्षता विदेश मंत्री जय शंकर कर रहे है। बैठक में व्यापार-प्रतिबंधात्मक उपायों पर चिंता जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।

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संयुक्त राष्ट्र महासभा की शुक्रवार को हुई बैठक की अध्यक्षता भारत ने की। विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने सत्र का नेतृत्व किया। भारत अगले वर्ष ब्रिक्स अध्यक्षता संभालने की तैयारी कर रहा है। बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान के अनुसार, वार्षिक बैठक की मेजबानी और समूह के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए समकक्षों से इस आह्वान को सर्वसम्मति से समर्थन मिला। संयुक्त बयान में सभी विदेश मंत्रियों ने भारत में अलगे वर्ष होने वाले बैठक के लिए भारत कि सरहाना की।

जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि समूह की भूमिका को तर्क की आवाज़ के रूप में रेखांकित किया गया है और अपने 2026 के कार्यकाल के लिए खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा, डिजिटल परिवर्तन और संयुक्त राष्ट्र सुधार जैसी प्राथमिकताओं पर ज़ोर दिया। मंत्रियों ने आतंकवाद की भी कड़ी निंदा की और 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले पर विशेष ध्यान केंद्रित किया, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। बैठक में सभी ने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर में हुए (terrorist attacks) की कड़े शब्दों में निंदा की, जिसमें 26 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे। उन्होंने आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही, आतंकवाद के वित्तपोषण और सुरक्षित पनाहगाहों सहित सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद का मुकाबला करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। बयान में शून्य सहिष्णुता का आग्रह किया गया और दोहरे मानदंडों को खारिज किया गया। पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूहों द्वारा बताए गए इस हमले का स्पष्ट संदर्भ, भारत द्वारा हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा में उत्तर देने के अधिकार का प्रयोग करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की बेतुकी नौटंकी और आतंकवाद के महिमामंडन की निंदा करने के अनुरूप है।

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