1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. पहलगाम हमले के जिम्मेदार TRF को अमेरिका ने घोषित किया वैश्विक आतंकी संगठन, भारत ने फैसले का किया स्वागत

पहलगाम हमले के जिम्मेदार TRF को अमेरिका ने घोषित किया वैश्विक आतंकी संगठन, भारत ने फैसले का किया स्वागत

अमेरिकी सरकार द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को 'विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO)' और 'विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT)' संगठन घोषित किया है। भारत सरकार ने शुक्रवार को अमेरिकी सरकार के फैसले का स्वागत किया।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। अमेरिकी सरकार द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को ‘विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO)’ और ‘विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT)’ संगठन घोषित किया है। भारत सरकार ने शुक्रवार को अमेरिकी सरकार के फैसले का स्वागत किया। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी धरती पर स्थित आतंकी संगठनों के खिलाफ आगे की कार्रवाई के लिए भारत के अंतरराष्ट्रीय अभियान की ओर इशारा करते हुए कहा। विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ भारत का सहयोग यह सुनिश्चित करने के लिए जारी रहेगा कि “आतंकवादी संगठनों और उनके समर्थकों को जवाबदेह ठहराया जाए”।

पढ़ें :- IND vs SA Live: भारत ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का किया फैसला; देखें- टीम की प्लेइंग इलेवन में एक बदलाव

जयशंकर ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, कि भारत-अमेरिका आतंकवाद-रोधी साझेदारी (India-US counter-terrorism cooperation) की एक ठोस पुष्टि। लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के प्रतिनिधि TRF को आतंकवादी घोषित करने के लिए अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो (US Senator Marco Rubio) और विदेश विभाग की सराहना करता हूं। यह संगठन 22 अप्रैल को हुए घातक पहलगाम हमले (Pahalgam Attack) की जिम्मेदारी ले चुका है। आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस।

टीआरएफ को अमेरिका के तरफ से आतंकवादी घोषित किए जाने के बाद विदेश मंत्रालय के तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, “पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का एक छद्म संगठन टीआरएफ, 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में नागरिकों पर हुए जघन्य हमले सहित कई आतंकवाद संबंधी गतिविधियों में शामिल रहा है, जिसके लिए इसने दो बार जिम्मेदारी ली है।

इससे पहले, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने ट्रम्प प्रशासन के तरफ से टीआरएफ को विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल करने के फैसले की घोषणा की थी। श्री रुबियो ने कहा कि टीआरएफ पर यह फैसला ट्रम्प प्रशासन की “हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा, आतंकवाद का मुकाबला करने और पहलगाम हमले के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प के न्याय के आह्वान को लागू करने की प्रतिबद्धता” को दर्शाता है।

भारत ने पहलगाम हमले के लिए टीआरएफ को दोषी ठहराते हुए एक अभियान चलाया था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 25 अप्रैल को एक प्रस्ताव पारित कर हमले की निंदा की, लेकिन टीआरएफ का नाम नहीं लिया। पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने वाले ऑपरेशन सिंदूर के बाद , भारत ने टीआरएफ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर संयुक्त राष्ट्र में एक प्रतिनिधिमंडल भेजा था। आतंकवाद पर चिंता 2 जुलाई, 2025 को वाशिंगटन डीसी में आयोजित क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में भी उठी, जहाँ एक संयुक्त बयान में पहलगाम हमले की “कड़ी” निंदा की गई।

“भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और आतंकी ढांचे को खत्म करने में वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर लगातार जोर दिया है। टीआरएफ को आतंकवादी संगठन घोषित करना एक सामयिक और महत्वपूर्ण कदम है, जो आतंकवाद-निरोध पर भारत और अमेरिका के बीच गहरे सहयोग को दर्शाता है,” विदेश मंत्रालय ने टीआरएफ को आतंकवादी संगठन घोषित करने की सराहना करते हुए कहा।

पढ़ें :- बंगाल की मिट्टी एकता की मिट्टी है, सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी : ममता बनर्जी

विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के समर्थन की सराहना करते हुए कहा कि भारत ‘आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस’ की नीति के लिए प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित करने के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा कि आतंकवादी संगठनों और उनके समर्थकों को जवाबदेह ठहराया जाए।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...