Kurukshetra Maha Yagya Firing: हरियाणा के कुरुक्षेत्र में स्थित केशव पार्क में चल रहे महायज्ञ के दौरान फायरिंग की घटना सामने आयी है। जिसमें एक व्यक्ति के घायल होने की खबर है। यह घटना उस वक्त घटी जब यज्ञ में शामिल पुजारी बासी खाने की शिकायत करने पहुंचे थे। आरोप है कि सुरक्षा में तैनात बाउंसर ने पुजारियों पर फायर कर दिया। वहीं, फायरिंग की घटना के बाद पुजारियों का गुस्सा फूट पड़ा और सैंकड़ों कीकी संख्या में भीड़ में थीम पार्क के सामने सड़क पर जाम लगा दिया।
Kurukshetra Maha Yagya Firing: हरियाणा के कुरुक्षेत्र में स्थित केशव पार्क में चल रहे महायज्ञ के दौरान फायरिंग की घटना सामने आयी है। जिसमें एक व्यक्ति के घायल होने की खबर है। यह घटना उस वक्त घटी जब यज्ञ में शामिल पुजारी बासी खाने की शिकायत करने पहुंचे थे। आरोप है कि सुरक्षा में तैनात बाउंसर ने पुजारियों पर फायर कर दिया। वहीं, फायरिंग की घटना के बाद पुजारियों का गुस्सा फूट पड़ा और सैंकड़ों कीकी संख्या में भीड़ में थीम पार्क के सामने सड़क पर जाम लगा दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केशव पार्क में 18 मार्च से 1008 कुंडीय शिव-शक्ति महायज्ञ आरंभ हुआ है। इस बड़े धार्मिक आयोजन में देश भर से 1500 से ज्यादा पुजारियों को बुलाया गया था। इस बीच कथित तौर पर यज्ञ में शामिल पुजारियों को बासी भोजन परोसा गया, जिसका उन्होंने विरोध किया। इस दौरान शनिवार सुबह आयोजकों के सुरक्षा गार्डों और पुजारियों के बीच काफी तीखी बहस हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि गार्डों ने गुस्से में आकर फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में लखनऊ से आए आशीष तिवारी पुजारी को गोली लग गयी और वह घायल हो गए। पुजारी को गोली लगने के बाद उसके सैकड़ों साथियों ने जमकर हंगामा किया।
फायरिंग में घायल आशीष तिवारी को तुरंत LNJP अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। इस बीच तनाव को देखते हुए मौके पर भारी मात्रा में पुलिसबल की तैनाती की गई है। यज्ञ में शामिल होने पहुंचे पुजारियों का आरोप है कि पहले दिन से ही बाबा के सुरक्षा गार्ड (बाउंसर) उनके साथ किसी न किसी बात को लेकर परेशान कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे कभी भी किसी के साथ मारपीट कर देते थे और कोई घूमता दिखाई देता तो उसे भी थप्पड़ या डंडा मार देते थे। कुरुक्षेत्र में यह महायज्ञ 27 मार्च तक चलना है। बता दें कि 1008 कुंडीय शिव-शक्ति महायज्ञ में देश भर पुजारियों के ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था यज्ञ के आयोजकों ने की थी।