देश में चल रही फ्री स्कीमों को लेकर अफसरों ने चेताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की एक बैठक में अफसरों ने राज्यों की ओर से घोषित लोकलुभावन योजनाओं पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि, चुनावी वादों को पूरा करने के लिए मुफ्त की योजनाएं चलाईं जा रहीं हैं, जो व्यावहारिक नहीं है। फ्री की स्कीमे उन्हें श्रीलंका (Sri Lanka) के रास्ते पर ले जा सकती हैं।
नई दिल्ली। देश में चल रही फ्री स्कीमों को लेकर अफसरों ने चेताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की एक बैठक में अफसरों ने राज्यों की ओर से घोषित लोकलुभावन योजनाओं पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि, चुनावी वादों को पूरा करने के लिए मुफ्त की योजनाएं चलाईं जा रहीं हैं, जो व्यावहारिक नहीं है। फ्री की स्कीमे उन्हें श्रीलंका (Sri Lanka) के रास्ते पर ले जा सकती हैं।
मीडिया रिपोर्ट की माने तो शनिवार को 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने शिविर कार्यालय में सभी विभागों के सचिवों के साथ चार घंटे की लंबी बैठक की। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, पीएम के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के अलावा केंद्र सरकार के कई अन्य अफसर इसमें शामिल थे।
करीब चार घंटे चली इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर बातचीत की गई। मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह कोविड-19 महामारी के दौरान सचिवों ने साथ मिलकर एक टीम की तरह काम किया वैसी ही भारत सरकार के सचिवों के रूप में काम करना चाहिए।
श्रीलंका संकट का दिया हवाला
मीडिया रिपोर्ट की माने तो अधिकारियों ने बैठक के दौरान श्रीलंका संकट का हवाला देते कहा कि फ्री की योजनाओं से राज्यों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है। बता दें कि, इस समय श्रीलंका बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है। वहां पर लोगों को ईंधन, रसोई गैस के लिए लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है, जरूरी चीजों की आपूर्ति कम है। साथ ही लोग लंबे समय तक बिजली कटौती के कारण हफ्तों से परेशान हैं। ऐसी बैठकों के अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने शासन में समग्र सुधार के लिए नए विचारों का सुझाव देने के लिए सचिवों के छह-क्षेत्रीय समूहों का भी गठन किया है।