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FUPUCTA ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को लिखा पत्र, भ्रष्टाचार के आरोपी कुलपति प्रो. विनय पाठक को पदमुक्त किए जाने की मांग

उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (FUPUCTA) सदैव उच्च शिक्षा व्यवस्था व इसके सभी घटकों को भ्रष्टाचार मुक्त करने के प्रदेश शासन के संकल्प के साथ है। स्वयं FUPUCTA ने जब भी संघटक विभिन्न विश्वविदयालय शिक्षक संघ इकाइयों दवारा कभी भी विश्वविद्यालय कुलपतियों व विश्वविद्यालय प्रशासन या उच्च शिक्षा प्रशासन से जुड़ी किसी संस्था के भ्रष्टाचार की शिकायतें की गई है।

By संतोष सिंह 
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (FUPUCTA) सदैव उच्च शिक्षा व्यवस्था व इसके सभी घटकों को भ्रष्टाचार मुक्त करने के प्रदेश शासन के संकल्प के साथ है। स्वयं FUPUCTA ने जब भी संघटक विभिन्न विश्वविदयालय शिक्षक संघ इकाइयों दवारा कभी भी विश्वविद्यालय कुलपतियों व विश्वविद्यालय प्रशासन या उच्च शिक्षा प्रशासन से जुड़ी किसी संस्था के भ्रष्टाचार की शिकायतें की गई है। उच्च शिक्षा प्रशासन द्वारा निरंकुश व शिक्षा विरोधी निर्णय लिए गए हैं। इसके सामूहिक प्रतिरोध का नेतृत्व किया है। FUPUCTA के अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि महामहिम कुलाधिपति से मिलकर व उच्च शिक्षा प्रशासन से मिलकर एक भ्रष्टाचार मुक्त उच्च शिक्षा की मांग की है।

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FUPUCTA के अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि कुलाधिपति व राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से शिक्षक महासंघ सरकार के भ्रष्टाचार के प्रति शासन के “जीरो टोलेरेंस” नीति का समर्थन करता है। इस दिशा में जहां भी चाहे जितने छोटे अथवा बड़े स्तर का भ्रष्टाचार का प्रकरण हो। FUPUCTA के अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि स्वतंत्र निष्पक्ष, दबावमुक्त जांच तथा दोषियों के समूचे नेटवर्क को ध्वस्त करते हुए उनके विरुद्ध न्यायसंगत एवं उदाहरण बनने वाली कार्रवाई की मांग करता है।

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हमारी मांग है कि जिस प्रकार पूर्व में भ्रष्टाचार के आरोपी डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा व डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपतियों के निष्पक्ष जांच की शुचिता व जॉब को दबावमुक्त रखने के लिए उन्हें जांच प्रक्रिया के दौरान “पदमुक्त रखा गया। वैसे ही “कहीं ज्यादा बड़े तथा अनेक स्थानों व स्तरों पर भ्रष्टाचार के आरोपित छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रो. विनय पाठक को भी तत्काल ‘पदमुक्त किया जाय। दोषसिद्ध होने की स्थिति में सुटकी भरपाई करते हए न्यायसंगत दंडात्मक कारवाई सुनिश्चित हो। ऐसा न किए जाने से शिक्षक समुदाय में “समान परिस्थितियों में समान प्रक्रिया के पालनान किए जाने तया पक्षपात’ किए जाने का संदेश जाता है जो कुलाधिपति के पद की गरिमा के अनुकूल नहीं प्रतीत होता।

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