गावी और यूनिसेफ ने एक नया समझौता किया है, जिसका उद्देश्य R21/मैट्रिक्स-एम मलेरिया वैक्सीन को अधिक सुलभ और किफायती बनाना है। इस समझौते से गावी और संबंधित देशों के लिए 90 मिलियन डॉलर तक की बचत होगी। अगले पांच सालों में लगभग सात मिलियन अतिरिक्त बच्चों का पूर्ण टीकाकरण संभव हो पाएगा। यह समझौता 2.99 प्रति डॉली खुराक की कम कीमत पर वैक्सीन उपलब्ध कराएगा।
नई दिल्ली। गावी और यूनिसेफ (Gavi and UNICEF) ने एक नया समझौता किया है, जिसका उद्देश्य R21/मैट्रिक्स-एम मलेरिया वैक्सीन (R21/Matrix-M malaria vaccine) को अधिक सुलभ और किफायती बनाना है। इस समझौते से गावी और संबंधित देशों के लिए 90 मिलियन डॉलर तक की बचत होगी। अगले पांच सालों में लगभग सात मिलियन अतिरिक्त बच्चों का पूर्ण टीकाकरण संभव हो पाएगा। यह समझौता 2.99 प्रति डॉली खुराक की कम कीमत पर वैक्सीन उपलब्ध कराएगा।
गावी वैक्सीन (gavi vaccine) की खरीद, वितरण और राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रमों में इसके एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अब तक गावी के माध्यम से 40 मिलियन से अधिक मलेरिया वैक्सीन खुराक 24 अफ्रीकी देशों में दी जा चुकी हैं, जो दुनिया के 70 प्रतिशत से अधिक मलेरिया के बोझ का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह पहल मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। खासकर बच्चों की सुरक्षा के लिए। यूनिसेफ दुनिया में टीकों का सबसे बड़ा खरीदार है।