कई माता पिता अपने बच्चों की छोटी मोटी गलतियों पर उन्हे बुरी तरह से डांटना और मारना शुरु कर देते है। ऐसा करने से बच्चे जिद्दी तो ही जाती है बात न मानने की आदत भी पड़ जाती है। बच्चों पर बुरा असर पड़ता है।
कई माता पिता अपने बच्चों की छोटी मोटी गलतियों पर उन्हे बुरी तरह से डांटना और मारना शुरु कर देते है। ऐसा करने से बच्चे जिद्दी तो ही जाती है बात न मानने की आदत भी पड़ जाती है। बच्चों पर बुरा असर पड़ता है।
इसलिए आज हम आपको कुछ टिप्स बताने जा रहे है जिसे फॉलो करके आप बच्चो की अच्छे से परवरिश कर सकते है।
अगर आपका बच्चा जरुरत से अधिक शरारत करता है उसे बार बार टोकने और डांटने की वजाय करने दीजिए। अगर वो बेड कर कूद रहा है तो कूदने दीजिए, बिना चप्पल के जाने को जिद्द करक रहा करने दीजिए।इतना ही नहीं बच्चों को खाना खिलाने के लिए भी उसके पीछे न पड़े जब उसे भूख लगेगी तो वह खुद ही खाना मांगेगा। ऐसा बच्चे अंटेशन करने के लिए करते है।
इसीलिए, बच्चों को उनकी गलती का अहसास दिलाने के लिए बातचीत का तरीका अपनाएं। बच्चे को समझाएं कि उसने जो गलती की है वह उसके लिए और उसके आसपास के लोगों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। इससे उसे चोट लग सकती है, मां-बाप और टीचर के सामने उसका छवि खराब हो सकती है या इससे उसे भविष्य में भी नुकसान हो सकता है। इस तरह से बात करने से बच्चा आपकी बात भी समझ सकता हैऔर जिद या बहस करने की संभावना भी नहीं रहेगी