गुजरात में भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) का कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expansion) में अब कुछ ही समय बचा हुआ है। अगले आधे घंटे बाद शपथग्रहण कार्यक्रम की शुरुआत होगी। मिली जानकारी के अनुसार 25 मंत्री शपथ लेने वाले हैं।
नई दिल्ली। गुजरात में भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) का कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expansion) में अब कुछ ही समय बचा हुआ है। अगले आधे घंटे बाद शपथग्रहण कार्यक्रम की शुरुआत होगी। मिली जानकारी के अनुसार 25 मंत्री शपथ लेने वाले हैं।
शपथ लेने वालों मंत्रियों की आई लिस्ट
भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) के कैबिनेट में जो मंत्री शपथ लेंगे उनके नाम सामने आ गए हैं। जीतुभाई वाघानी, अर्जुन मोढवाडिया, डॉ प्रद्युम्न वाजा, नरेश पटेल, रीवाबा जडेजा, प्रवीण माली, कांतिभाई अमृतिया, दर्शना वाघेला, कौशिक वेकरिया, रमेश कटारा और त्रिकम छांगा शपथ लेंगे।
इस बड़े फेरबदल में खासतौर से जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का ध्यान रखा जा सकता है। विभिन्न इलाकों से कैबिनेट और राज्य मंत्रियों का चयन श्रेणीबद्ध तरीके से होगा। गुजरात में मंत्रिमंडल विस्तार (Gujarat Cabinet Expansion)के तहत नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में BJP विधायक लविंगजी ठाकोर ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस समारोह का निमंत्रण मिला है और वे वहां शामिल होने के लिए बहुत खुश हैं। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी ने पहले भी कई बार क्षत्रिय समुदाय के लोगों को मंत्री बनाया है और आज भी ऐसा ही होगा। चाहे जो भी मंत्री बने, वह पूरी तरह से खुश हैं और उनका भरा विश्वास बीजेपी पर है, क्योंकि वे मानते हैं कि बीजेपी हर समुदाय का समान सम्मान करती है।
गुजरात में आज होने वाला कैबिनेट विस्तार एक बड़ा राजनीतिक बदलाव है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल नई टीम के साथ राज्य सरकार को और मजबूती देना चाहते हैं। यह कदम खासकर 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी के तहत लिया जा रहा है, ताकि सरकार में नई ऊर्जा, विचार और नेतृत्व शामिल किया जा सके। नए मंत्रियों को कैबिनेट में जगह देकर पार्टी क्षेत्रीय, जातीय और सामाजिक संतुलन बनाएगी, जिससे सभी वर्गों का पूरा प्रतिनिधित्व होगा।
यह बदलाव पुराने मंत्रियों को हटाकर युवा नेताओं को मौका देने का भी मौका है, जो सरकार की कामकाजी शक्ति बढ़ाएगा। साथ ही, यह पार्टी की स्थिति को और मजबूत बनाएगा और जनता से जुड़ाव को बेहतर बनाएगा। इस तरह का आयोजन गुजरात की राजनीति में स्थिरता और विकास को आगे बढ़ाने का संकेत है। यह ना सिर्फ राजनीतिक दल के लिए बल्कि पूरे राज्य के लिए भी एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।