कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election) नतीजों के बाद भारतीय जनता पार्टी की कई प्रदेश की सरकारों में कई बड़े परिवर्तन होना तय है। केंद्र सरकार में रद्दोबदल बदल के साथ ही साथ यूपी की योगी कैबिनेट में बदलाव होना तय है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election)नतीजों के बाद के बाद सबसे बड़े परिवर्तन का गवाह नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का गृह राज्य गुजरात बनेगा।
नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election) नतीजों के बाद भारतीय जनता पार्टी की कई प्रदेश की सरकारों में कई बड़े परिवर्तन होना तय है। केंद्र सरकार में रद्दोबदल बदल के साथ ही साथ यूपी की योगी कैबिनेट में बदलाव होना तय है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election)नतीजों के बाद के बाद सबसे बड़े परिवर्तन का गवाह नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का गृह राज्य गुजरात बनेगा। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल (Bhupendra Patel)की जगह मनसुख लक्ष्मणभाई मांडविया (Mansukh Laxmanbhai Mandaviya) नये मुख्यमंत्री होंगे। भूपेंद्र पटेल व मनसुख लक्ष्मणभाई मांडविया (Mansukh Laxmanbhai Mandaviya) में एक समानता यह है कि भूपेन्द्र पटेल पहली बार विधायक बने और सीधे मुख्यमंत्री बन गये। मनसुख लक्ष्मणभाई मांडविया भी पहली बार राज्य सभा सदस्य बने और सीधे मंत्री की कुर्सी पर उन्हें बैठा दिया गया। इससे साफ़ है कि दोनों ही हाई कमान के ख़ास लोगों में हैं। अब हाई कमान इनका रोल बदलने ज़ा रहा है।
बता दें कि आज के दो साल पहले जब गुजरात के मुख्यमंत्री पद से विजय रुपाणी ने इस्तीफा दिया था। तभी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया गुजरात के अगले मुख्यमंत्री बनाए जानें की चर्चा सत्ता के गलियारे में तेजी से उठी थी। लेकिन अंतत:भूपेन्द्र पटेल के मुख्यमंत्री बनाए जाने पर मुहर लग गई, लेकिन अब गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल (Chief Minister of Gujarat Bhupendra Patel) की जगह मनसुख लक्ष्मणभाई मांडविया (Mansukh Laxmanbhai Mandaviya) नये मुख्यमंत्री बनाए जानें की चर्चा तेज है।
नरेंद्र मोदी भले ही 13 साल गुजरात के मुख्यमंत्री रहें हों लेकिन उनके हटने के बाद से गुजरत को लिए स्थाई मुख्यमंत्री की तलाश हाई कमान को भारी पड़ रही है। नरेंद्र मोदी के बाद आनंदी बेन पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया। वह 22 मई, 2014 से 7 अगस्त, 2016 तक इस पद पर रहीं। इनके बाद विजय रुपानी मुख्यमंत्री बने। वह 11 सितंबर, 2021 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। लेकिन विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट से वंचित होना पड़ा। इसके बाद भूपेन्द्र पटेल ने 13 सितंबर, 2021 को नये मुख्यमंत्री के रूप में पद भार ग्रहण किया।
जानें डॉ. मनसुख लक्ष्मणभाई मांडविया का पूरा राजनीतिक सफर
डॉ. मनसुख लक्ष्मणभाई मांडविया (Mansukh Laxmanbhai Mandaviya) भारत के वरिष्ठ सदन राज्यसभा के सदस्य हैं। नरेंद्र मोदी सरकार में मनसुख मंडाविया स्वास्थ्य मंत्री है। उन्हें केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के इस्तीफे के बाद मंत्री बनाया गया है। युवावस्था में एबीवीपी की राज्य कार्यकारिणी समिति के रूप में कार्य किया। पहली बार केंद्रीय कैबिनेट में 5 जुलाई, 2016 को सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी और रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया था।
गुजरात के भावनगर जिले के हनोल गांव के एक किसान के बेटे, मांडविया ने 1992 में आरएसएस की छात्र शाखा एबीवीपी और 1996 में भाजपा युवा मोर्चा में शामिल होने के बाद से जबरदस्त तरक्की की है। 2002 के पलिताना विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी चुना गया। कहा जाता है कि उस समय सबसे कम उम्र में विधायक बने थे। उन्हें 2013 में राज्य भाजपा का सबसे कम उम्र का सचिव और 2014 में महासचिव बनाया गया था। पहली बार 2012 में राज्यसभा के लिए चुने गए और 2018 में फिर से चुने गए।
वहीं 2014 में, वह भाजपा के मेगा सदस्यता अभियान के प्रभारी भी बने, जिसके दौरान एक करोड़ लोग पार्टी में शामिल हुए। अगले वर्ष 2015 में, उन्हें संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया, जहां उन्होंने ‘सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा’ पर भाषण दिया। केंद्रीय मंत्री के रूप में, उन्हें सस्ती दरों पर 850 से अधिक दवाएं उपलब्ध कराने और हार्ट स्टेंट और घुटने के प्रत्यारोपण की लागत को कम करने के लिए 5,100 से अधिक जन औषधि स्टोर स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है। यूनिसेफ द्वारा ऑक्सो-बायोडिग्रेडेबल तकनीक से बने 10 करोड़ सैनिटरी पैड को मामूली कीमत पर बेचने के लिए सम्मानित किया गया था। ऐसे ही स्वास्थ्य क्षेत्र में कई बड़े काम किए हैं।