हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पर आया कोर्ट का एक फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) को एक बड़ा झटका है।
Harvard Foreign Students Admissions : हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पर आया कोर्ट का एक फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) को एक बड़ा झटका है। संयुक्त राज्य अमेरिका में एक संघीय न्यायाधीश(Federal Judge) ने हार्वर्ड को विदेशी छात्रों (Foreign students) के नामांकन से रोकने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रयास को अवरुद्ध कर दिया है, जिससे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय (Reputed University) को एक और जीत मिली है, क्योंकि वह व्हाइट हाउस (the White House) के साथ लड़ाई के बीच कई सरकारी प्रतिबंधों (Government restrictions)को चुनौती दे रहा है।
बोस्टन में जिला न्यायाधीश एलिसन बरोज़ (Judge Alison Burrows) द्वारा शुक्रवार को दिए गए आदेश में हार्वर्ड की अंतर्राष्ट्रीय छात्रों (International students) की मेजबानी करने की क्षमता को बरकरार रखा गया है , जबकि आइवी लीग स्कूल द्वारा दायर मुकदमा अदालत में लंबित है।
हालांकि, बरोज़ ने कहा कि संघीय सरकार के पास अभी भी कानून में उल्लिखित सामान्य प्रक्रियाओं के माध्यम से हार्वर्ड की विदेशी प्रवेश नीतियों (Harvard’s foreign admissions policies) की समीक्षा करने का अधिकार है।
हार्वर्ड ने मई में होमलैंड सुरक्षा विभाग पर मुकदमा दायर किया था। उस समय होमलैंड सिक्योरिटी ने अचानक ही विदेशी छात्रों की मेजबानी करने और उनके वीजा के लिए कागजी कार्रवाई जारी करने के लिए स्कूल के सर्टिफिकेशन को वापस ले लिया था। इसके बाद से इसकी अधिकांश सामान्य प्रक्रियाओं को दरकिनार किया जा रहा था।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय, शैक्षिक स्वतंत्रता (Academic freedom) और गाजा में इजरायल द्वारा जारी नरसंहार के खिलाफ विरोध करने के अधिकार के बारे में ध्रुवीकरण वाली बहस में उलझ गया है , क्योंकि इसके फिलिस्तीन समर्थक छात्रों (Pro-Palestine students) ने देश के सबसे पुराने और सबसे धनी विश्वविद्यालय (wealthiest university) द्वारा इजरायल से जुड़ी कंपनियों में किए गए निवेश का पूरा खुलासा करने और उन कंपनियों से निवेश वापस लेने की मांग की है।
ट्रम्प और उनके सहयोगियों का दावा है कि हार्वर्ड और अन्य अमेरिकी विश्वविद्यालय, जहां इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए, उदारवाद, रूढ़िवादी-विरोधी पूर्वाग्रह (anti-conservative bias) और “यहूदी-विरोधी भावना” (“Anti-Semitism”) के गैर-जिम्मेदाराना गढ़ हैं।