वैदिक ज्योतिष ग्रंथों में ग्रह नक्षत्रों की शक्ति के बारे में विस्तार से बताया गया है। जड़ी बूटियों असर जीव के जीवन पर पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के दुष्ट ग्रहों के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए रत्नों और वनस्पतियों के उपाय बताए गए है।
Herbs Astrology : वैदिक ज्योतिष ग्रंथों में ग्रह नक्षत्रों की शक्ति के बारे में विस्तार से बताया गया है। जड़ी बूटियों असर जीव के जीवन पर पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के दुष्ट ग्रहों के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए रत्नों और वनस्पतियों के उपाय बताए गए है। ऐसी स्थिति में आप कुछ जड़ी बूटियों को धारण कर सकते हैं, जो रत्न के समान ही शुभ फलदायी मानी जाती हैं।आइये जानते है उनके बारे में।
1.ज्योतिष के अनुसार,कुंडली में ग्रहों के राजा सूर्य के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए माणिक्य रत्न धारण करने की सलाह देते हैं, लेकिन अगर आप ये रत्न खरीदने में सक्षम नहीं हैं तो बेल के पेड़ की जड़ को लाल कपड़े में बांधे और इसका पूजन करें। इस जड़ को धारण कर लें। ये भी माणिक्य का ही काम करेगी।
2. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मंगल के शुभ फल प्राप्त करने के लिए अनंतमूल की जड़ को मंगलवार के दिन लाल कपड़े में बांधकर धारण करें। इसे मूंगे के विकल्प के तौर पर देखा जाता है।
3.गूलर के पेड़ की जड़ को शुक्र ग्रह के शुभ प्रभाव पाने के लिए उपयुक्त माना जाता है। ये हीरे के समान फलदायी होती है। अगर आप हीरा नहीं पहन सकते तो इस जड़ को शुक्रवार के दिन धारण करें।
4.शनि ग्रह के शुभ प्रभाव के लिए शमी की जड़ को नीले कपड़े में बांधकर इस्तेमाल करना चाहिए। शनि का रत्न नीलम होता है।
5.सफेद चंदन के टुकड़े को नीले कपड़े में बांधकर बुधवार के दिन धारण करें।