अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के ऊपर जानलेवा हमले की जिसने भी तस्वीरें देखी, उसे यकीन नहीं हो रहा है। चुनावी रैली में एक शूटर द्वारा चलाई गई एक गोली ट्रंप के कानों को छूती हुई निकल गई। हालांकि इस जानलेवा हमले में उनकी जान बाल-बाल बच गई, लेकिन पेंसिलवेनिया की रैली में हुई ये घटना तमाम सवाल भी खड़े कर गई है।
वाशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के ऊपर जानलेवा हमले की जिसने भी तस्वीरें देखी, उसे यकीन नहीं हो रहा है। चुनावी रैली में एक शूटर द्वारा चलाई गई एक गोली ट्रंप के कानों को छूती हुई निकल गई। हालांकि इस जानलेवा हमले में उनकी जान बाल-बाल बच गई, लेकिन पेंसिलवेनिया की रैली में हुई ये घटना तमाम सवाल भी खड़े कर गई है।
अब सबसे बड़ा सवाल ये कि कैसे दुनिया के सबसे शक्तिशाली मुल्क के पूर्व राष्ट्रपति की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक हुई? कैसे हमलावर ट्रंप की चुनावी रैली के इतने करीब हथियार लेकर पहुंच गया? कैसे ट्रंप के सुरक्षा घेरे में तैनात एजेंसी को इसकी भनक तक नहीं लगी? बता दें कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपतियों की सुरक्षा का जिम्मा यूएस सीक्रेट सर्विस का होता है। यूएस सीक्रेट सर्विस (US Secret Service) के एजेंट हर पल पूर्व राष्ट्रपतियों की सुरक्षा में तैनात होते हैं। वो जहां भी जाते हैं, सीक्रेट सर्विस (Secret Service) के एजेंट उनके साथ-साथ रहते हैं।
ऐसे में ट्रंप पर हमले के बाद सवाल उठ रहे है कि जब पूर्व राष्ट्रपति की सुरक्षा इतनी चाक चौबंद होती है तो कैसे उन पर गोली चली? क्या उन पर किसी साजिश के तहत हमला किया गया है? महज 100 मीटर की दूरी से कैसे एक शूटर ने ट्रंप को निशाना बनाया? इस दौरान सीक्रेट सर्विस क्या कर रही थी? छत से यदि निशाना बनाया गया तो उसके एजेंट क्या कर रहे थे? रैली की आसपास की बिल्डिंग की छतों पर सीक्रेट सर्विस क्यों नहीं मुस्तैद थी? सवाल कई हैं और एफबीआई सहित कई अमेरिकी एजेंसियां इसकी पड़ताल में जुटी हैं।
एफबीआई हमले और हमलावर से जुड़ी सभी जानकारियां जुटा रही है। हमलावर के कितने सहयोगी थे, इसकी भी जांच कर रही है, लेकिन बड़ी बात ये है कि अमेरिका ऐसा देश है, जहां पहले ही बड़ी राजनीतिक हत्याएं हो चुकी हैं। डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के पहले राष्ट्रपति या पूर्व राष्ट्रपति नहीं हैं, जिनकी इस तरह से हत्या की कोशिश की गई है।
अमेरिका के राजनीतिक इतिहास में ऐसे कई नाम हैं, जिनकी या तो हत्या कर दी गई, या फिर मारने की कोशिश की गई है। अब्राहम लिंकन (Abraham Lincoln), जॉन एफ कैनेडी (John F. Kennedy) तक, जैसे राष्ट्रपतियों को हमले में अपनी जान गंवानी पड़ी। रोनाल्ड रीगन जैसे राष्ट्रपति की जान हमले में बाल-बाल बची। ऐसे ही खतरों को देखते हुए, पूर्व राष्ट्रपतियों की सुरक्षा 10 साल की गई थी। इससे पहले 1965 से 1996 तक अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपतियों को लाइफटाइम सुरक्षा मिलती थी। लेकिन साल 1994 में इसमें बदलाव किया गया था। पूर्व राष्ट्रपतियों की सुरक्षा को घटाकर लाइफटाइम के बदले 10 साल कर दिया गया था।
इसी नियम के तहत सीक्रेट सर्विस (Secret Service) ट्रंप की सुरक्षा में लगी हुई थी। इस सुरक्षा के बीच ही ट्रंप पर रैली में फायरिंग हुई। ये हमला हैरान करने वाला है, क्योंकि सुरक्षा में चूक के चलते ट्रंप की जान बाल-बाल बची है। इसी बीच डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अपने ऊपर हुए जानलेवा हमले के बाद बयान जारी किया है। उन्होंने बताया कि वो 5 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए पेंसिल्वेनिया में रैली कर रहे थे। इसी दौरान उन पर गोली चली, जिसमें वो घायल हो गए हैं।
इस हमले को लेकर सीक्रेट सर्विस (Secret Service) ने भी बयान जारी किया है। उसकी तरफ से कहा गया है कि हमलावर ने रैली की जगह से बाहर एक ऊंची जगह से फायरिंग की थी। पेंसिलवानिया रैली (Pennsylvania Rally) में हुई गोलीबारी की घटना पर राष्ट्रपति जो बाइडेन (President Joe Biden) ने कहा है कि ऐसी हिंसा के लिए अमेरिका में कोई जगह नहीं है। पत्रकारों ने बाइडेन से सवाल किया कि क्या है हत्या की साजिश थी। इसके जवाब में उन्होंने बताया कि अभी इस बारे में पूरे सबूत नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पर्याप्त जानकारी नहीं है। अभी तक ऐसे कोई तथ्य नहीं मिले हैं।