पिछले 10 साल में 16 लाख करोड़ रुपए पूंजीपतियों का कर्ज माफ किया गया, UPA की सरकार ने 78 हजार करोड़ से किसानों का कर्ज माफ किया था। देश की अर्थव्यवस्था में मोनोपॉली और ड्यूपॉली सबसे ज्यादा बढ़ी है। एयरलाइन, टेलीकॉम जैसे सेक्टर्स में सिर्फ 1-2 कंपनियां ही पूरा मार्केट कैप्चर किए हुए हैं। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में हमारी वर्कफोर्स घट रही है। बेरोजगारी में हमारे देश में बहुत ज्यादा है। देश पर कर्ज बढ़ रहा है, और देश में प्रदूषण भी नया रिकॉर्ड बना रहा है।
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि, देश की अर्थव्यवस्था के मौजूदा हालात पर मैं कहना चाहता हूं। मैं वित्त मंत्री जी से कहूंगा कि आपकी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं और दावा किताबी है। मोदी सरकार कह रही है कि पिछले क्वार्टर में इतनी ग्रोथ हुई। लेकिन जो ग्रोथ का आंकड़ा दिया गया और जो विकास दर दी गई है, वह कितनी विश्वसनीय है? इसपर पर प्रश्न उठ रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, IMF ने सरकार की अकाउंटिंग को C ग्रेड दिया है। विकास दर अमेरिकी इकॉनमी और बाकी कई अर्थव्यवस्थाओं में एक्सपेंडिचर ग्रोथ के हिसाब से होती है। अगर इस क्वार्टर भी एक्सपेंडिचर ग्रोथ के हिसाब से हम अपनी इकॉनमी की ग्रोथ रेट देखें तो 6.1% होना चाहिए। UPA के 10 वर्ष में औसतन विकास दर 8.1% थी, मोदी सरकार के दिए आंकड़ों के अनुसार भी NDA के 11 वर्षों की औसतन दर 5.75% तक पहुंची है।
कांग्रेस सांसद ने कहा, 78 सालों में रुपया अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है, लेकिन वित्त मंत्री जी कहती हैं कि रुपया इतना नहीं गिरा है, डॉलर मजबूत हुआ है। देश का व्यापार घाटा भी बढ़ा है। 78 साल का सबसे ज्यादा व्यापार घाटा एक महीने में दर्ज किया गया है। जो कि इस साल अक्टूबर में 41.7 बिलियन डॉलर रहा। गरीब औऱ अमीर के बीच का अंतर बढ़ता जा रहा है, देश में 1% अमीर नागरिकों के हाथ में देश की 40% संपत्ति और 65% देश की आय है।
पिछले 10 साल में 16 लाख करोड़ रुपए पूंजीपतियों का कर्ज माफ किया गया, UPA की सरकार ने 78 हजार करोड़ से किसानों का कर्ज माफ किया था। देश की अर्थव्यवस्था में मोनोपॉली और ड्यूपॉली सबसे ज्यादा बढ़ी है। एयरलाइन, टेलीकॉम जैसे सेक्टर्स में सिर्फ 1-2 कंपनियां ही पूरा मार्केट कैप्चर किए हुए हैं। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में हमारी वर्कफोर्स घट रही है। बेरोजगारी में हमारे देश में बहुत ज्यादा है। देश पर कर्ज बढ़ रहा है, और देश में प्रदूषण भी नया रिकॉर्ड बना रहा है। नरेंद्र मोदी स्टार्टअप इंडिया का नारा देते हैं, लेकिन हकीकत ये है कि इस साल में साढ़े 6 हजार स्टार्टअप समाप्त हो गए। सरकार नारा दे रही है मेक इन इंडिया लेकिन वियतनाम और चाइना जैसी जगहों पर नारा चल रहा है मेड फॉर इंडिया।
उन्होंने आगे कहा, हमारे क्रिटिकल सेक्टर्स जैसे माइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग में कोई ग्रोथ दिखाई नहीं दे रही है। GDP का 2.5% हेल्थ को दिया जाना चाहिए, सरकार ने 1.4% रखा है, शिक्षा में मोदी सरकार ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में कहा गया कि GDP का 6% रखा जाए। आपने सिर्फ 4% रखा है। रिसर्च एंक डेवलपमेंट में हम सिर्फ 0.6% ही खर्च कर रहे हैं, डिफेंस में कम से कम GDP के 3% की मांग है लेकिन सरकार सिर्फ 1.9% का ही बजट दे रही है। 2013-14 में UPA की सरकार डिफेंस पर 2.5% खर्च करती थी, जो कि मोदी सरकार में घटकर 2 हुआ और अब 1.9% पर आ गया है।
एयरफोर्स मॉर्डनाइजेशन का बजट घटा दिया। हमें अभी 7 स्क्वाड्रन की जरूरत है, UPA की सरकार में 42 स्क्वाड्रन थी और आज मात्र 31 स्क्वाड्रन रह गई हैं। जो जैगुआर दुनिया के तमाम देशों में रिटायर हो चुके हैं, लेकिन हमारे देश में वो रिटायर नहीं हुए हैं। इस साल 3 जैगुआर क्रैश भी हुए हैं जिसमें हमारे जांबाज पायलट शहीद हो गए। एग्रीकल्चर सेक्टर में MSP एक बड़ा सवाल बनी हुई है, जो कई जगह न के बराबर बनी हुई है, और कई किसानों को मिल भी नहीं पा रहा है। खाद के लिए किसान परेशान होते हैं, किसानों पर लाठीचार्ज किया जाता है।
साथ ही कहा, मोदी सरकार ने खेल का बजट 3.5 हजार करोड़ रुपए का दिया है, जो कि हरियाणा के हिस्से में मात्र 80 करोड़ आया है, जो कि देश में सबसे कम है और सबसे ज्यादा गुजरात के हिस्से में 600 करोड़ रुपए आया है। जो राज्य देश में सबसे ज्यादा मेडल जीतकर लाता है, उसे सबसे कम बजट दिया गया है। कॉमनवेल्थ गेम गुजरात में हो रहे हैं, गृह मंत्री कहते हैं कि ओलंपित खेल भी वहीं कराएंगे। मेरी मांग है कि इसमें हरियाणा को भी को-होस्ट बनाया जाए।