माता पिता अपने बच्चो को लेकर बहुत गंभीर होते है। माता पिता को अक्सर डर बना रहता है कहीं उनका बच्चा शरीरिक या मानसिक तौर से कमजोर न निकल जाए।
माता पिता अपने बच्चो को लेकर बहुत गंभीर होते है। माता पिता को अक्सर डर बना रहता है कहीं उनका बच्चा शरीरिक या मानसिक तौर से कमजोर न निकल जाए।
दुनिया के हर माता पिता अपनी संतान को शारीरिक मानसिक तौर से मजबूत बनाने के लिए न जाने क्या क्या जतन करते है। पर क्या आपको पता है आप अपने बच्चों में कुछ संकेतों को देखकर पता लगा सकते है कि कहीं आपका बच्चा मानसिक तौर से कमजोर तो नहीं हो रहा है।
आप सबसे पहले इस बात का पता लगाएं कि क्या आपके बच्चे के अंदर धैर्य है या नहीं। अगर आपके बच्चे के अंदर धैर्य है तो इसका मतलब आपका बच्चा मानसिक रूप से मजबूत है।
जब कभी कोई नकारात्मक परिस्थिति बच्चों के सामने आ जाती है तो बच्चे जल्दी निराश हो जाते हैं। लेकिन यदि आपके बच्चे में धैर्य है और वह दोबारा प्रयास कर रहा है तो इसका मतलब वह मानसिक रूप से तंदुरुस्त है।
अक्सर बच्चे बिना कुछ सोचे समझे रिएक्ट करने की आदत है तो ये गलत आदत है। यदि कुछ करने से पहले आपका बच्चा सोच समझ कर रिएक्ट करता है तो इस बात की तरफ इशारा करती है कि आपका बच्चा मानसिक रूप से तंदुरुस्त है। जल्दबाजी में लिया गया कदम असफलता का सामना करा सकता है। अगर बच्चा इस बात को समझ रहा है तो उसका मतलब अगर भविष्य में भी अपने निर्णय को सोच समझकर ही आगे रखेगा।
यदि आपका बच्चा अपने फैसले खुद लेने लगे और अपनी जिम्मेदारी को खुद उठाने लगें तो यह भी इस बात की तरफ इशारा करता है कि आपका बच्चा मानसिक रूप से तंदुरुस्त है।
उदाहरण के तौर पर आजकल के बच्चे अपने डेली रूटीन को तैयार कर लेते हैं पर उस पर अमल नहीं कर पाते। ऐसे में यह संकेत बताता है कि बच्चा मानसिक रूप से स्थिर नहीं है। वहीं यदि बच्चे अपने द्वारा लिए गए फैसलों पर अमल करें तो यह इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि आपका बच्चा मानसिक रूप से तंदुरुस्त है।