नोएडा के दादरी में स्थित गोपाल नर्सिंग होम (Gopal Nursing Home) ने नवजात बच्ची के जीवन के साथ खिलवाड़ किया, जिसके कारण नवजात बच्ची ने अपने दाहिने हाथ की हथेली खो दी। उत्तर प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों का बढ़ते खौफ को लेकर मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक (Health Minister Brajesh Pathak) से पर्दाफाश के संपादक मुनेंद्र शर्मा (Editor Pardaphash Munendra Sharma) ने मुलाकात की।
नोएडा। नोएडा के दादरी में स्थित गोपाल नर्सिंग होम (Gopal Nursing Home) ने नवजात बच्ची के जीवन के साथ खिलवाड़ किया, जिसके कारण नवजात बच्ची ने अपने दाहिने हाथ की हथेली खो दी। उत्तर प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों का बढ़ते खौफ को लेकर मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक (Health Minister Brajesh Pathak) से पर्दाफाश के संपादक मुनेंद्र शर्मा (Editor Pardaphash Munendra Sharma) ने मुलाकात की। पर्दाफाश में प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक (Health Minister Brajesh Pathak) ने गौतमबुद्धनगर के सीएमओ को फोन कर गोपाल नर्सिंग होम को तत्काल सील करने आदेश दिया है।

दरअसल, शिवम भाटी ने अपनी पत्नी को दादारी में स्थित गोपाल नर्सिंग होम में भर्ती कराया था, जहां पांच अक्टूबर को शिवम भाटी की पत्नी ने बेटी को जन्म दिया। जन्म के दौरान बच्ची बिल्कुल स्वस्थ्य थी लेकिन उसको गलत इंजेक्शन दे दिया गया। परिवार का आरोप है कि, देखते ही देखते मासूम बच्ची के दाहिने हाथ में फफोले होने लगे। अस्पताल ने इस बात को परिजनों से छुपाए रखा, जिसके बाद उसके दाहिने हाथ का पंजा और अंगुलियां काली होने लगीं। ये देख अस्पताल प्रशासन ने आनन—फानन में मासूम बच्ची और उसकी मांग को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करा दिया।
दूसरे अस्पताल में पहुंचे परिजन तो उन्हें बच्ची के हाथ के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने डॉक्टरों से संपर्क किया तो उन्होंने साफ कह दिया कि, बच्ची के हाथ काटने पड़ सकते हैं। डरे सहमे परिजन बच्ची को लेकर नोएडा के चाइल्ड पीजीआई पहुंचे, जहां बच्ची का इलाज चल रहा है लेकिन उसकी दाहिने हाथ की अंगुलियां अब काम नहीं करेंगी। वहीं, इस मामले की शिकायत परिजनों ने दादरी थाने में की गई, जिसके बाद वहां से लिखकर मुख्य चिकित्साधिकारी को दिया गया। इसके बाद मुख्य चिकित्साधिकारी ने जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया। वहीं, अब देखना दिलचस्प होगा कि, क्या मासूम बच्ची की जिंगदी से खेलने वाले गोपाल नर्सिंग होम पर कार्रवाई होगी या फिर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।
चाइल्ड पीजीआई के डायरेक्टर
चाइल्ड पीजीआई के डायरेक्टर ने इस मामले में कहा कि, जब वो यहां पर आई थी तो उसकी हालत ठीक नहीं थी। हालांकि, उपचार के बाद उसके हाथ को तो बचा लिया गया लेकिन उसके हाथेली को हटाना पड़ा। वहीं, अब डॉक्टर उसके पैर की अंगुलियों को हाथ में जोड़ने की कोशिश करेंगे ताकि वो उससे थोड़ा बहुत कुछ कर सके।
प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी के आगे नतमस्तक है स्वास्थ्य विभाग
ऐसा नहीं कि, गोपाल नर्सिंग होम में ये पहला मामला है, जिसमें बच्ची के जीवन के साथ खिलवाड़ किया गया है। इससे पहले भी कई ऐसे मामले आ चुके हैं। अस्पताल के रसूख के चलते स्वास्थ्य विभाग के अफसर इस पर कार्रवाई करने से बचते रहे हैं।