संसद के मानसून सत्र का आज तीसरा दिन है। मंगलवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। विपक्षी दलों ने बजट में राज्यों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। इसको लेकर इंडिया गठबंधन के सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन भी किया। वहीं, अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बजट को लेकर सरकार को घेरा है।
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र का आज तीसरा दिन है। मंगलवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। विपक्षी दलों ने बजट में राज्यों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। इसको लेकर इंडिया गठबंधन के सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन भी किया। वहीं, अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बजट को लेकर सरकार को घेरा है।
अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि, सच तो ये है कि जिस तरह की महंगाई है उसमें घर चलाना, बच्चों को पढ़ाना और घर के बड़े बुजुर्गों के दवा-इलाज के लिए बचाना नामुमकिन है, ये बातें परिवारवाले बख़ूबी जानते हैं। इसीलिए 1 लाख महीने में भी घर खींचतान के चलता है। सरकार को ये फ़ैसला लेना चाहिए कि 12 लाख सालाना तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
सच तो ये है कि जिस तरह की महँगाई है उसमें घर चलाना, बच्चों को पढ़ाना और घर के बड़े बुजुर्गों के दवा-इलाज के लिए बचाना नामुमकिन है, ये बातें परिवारवाले बख़ूबी जानते हैं। इसीलिए 1 लाख महीने में भी घर खींचतान के चलता है।
सरकार को ये फ़ैसला लेना चाहिए कि 12 लाख सालाना तक की आय पर… pic.twitter.com/hUbPaxY5R5
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 24, 2024
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उन्होंने आगे लिखा कि, इस आय तक के लोग ही सबसे बड़ी संख्या में GOODS की ख़रीदारी करते हैं SERVICES के उपभोक्ता भी होते हैं। ये जब ख़र्च करेंगे तो सरकार की आय वैसे ही बढ़ेगी। मध्य वर्ग में जब आर्थिक सक्रियता आयेगी तो इस सरकार के राज में अर्थव्यवस्था का जो ठहरा हुआ चक्का है, वो अपने आप घूमेगा। वैसे भी इस आय वर्ग में जितना टैक्स आता है, उससे अधिक TAX के Structure, Administration & Management पर ख़र्च हो जाता है।