उत्तर प्रदेश में ट्रांसफर को लेकर बड़े खेल किए जा रहे हैं। ये खेल कुछ अधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठकर कर रहे हैं। ट्रांसफर सेशन के दौरन कैबिनेट मंत्रियों की लिस्ट पर पहले ये रोक लगा देते हैं, जिसके बाद अपने मनमुताबिक वो ट्रांसफर का खेल करते हैं। ऐसे स्थिति में ही प्रदेश में अक्सर ब्यूरोक्रेटस और मंत्रियों के बीच खींचतान की खबरे आती रहती हैं।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ट्रांसफर को लेकर बड़े खेल किए जा रहे हैं। ये खेल कुछ अधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठकर कर रहे हैं। ट्रांसफर सेशन के दौरन कैबिनेट मंत्रियों की लिस्ट पर पहले ये रोक लगा देते हैं, जिसके बाद अपने मनमुताबिक वो ट्रांसफर का खेल करते हैं। ऐसे स्थिति में ही प्रदेश में अक्सर ब्यूरोक्रेटस और मंत्रियों के बीच खींचतान की खबरे आती रहती हैं।
दरअसल, ट्रांसफर सेशन के दौरान यूपी के स्वास्थ्य विभाग, ट्रांसपोर्ट, राजस्व, औद्योगिक समेत कई अन्य विभागों में ट्रांसफर जीरो हो गए। ये पहली बार नहीं हुआ जब कई विभागों में ट्रांसफर सेशन जीरो हुआ, इससे पहले भी कई वर्षों से देखा जा रहा है। दरअसल, यूपी में ब्यूरोक्रेटस खुद का सिक्का दिल्ली के बलबूते चलाते हैं और डिप्टी सीएम, कैबिनेट और राज्य मंत्री तक की नहीं सुनते हैं। यही नहीं, अगर ये मंत्री अपने विभाग में एक चपरासी तक का भी ट्रांसफर करते हैं तो उसमें भी ये ब्यूरोक्रेटस रोक लगा देते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि, आखिर ट्रांसफर सेशन के दौरान इन डिप्टी सीएम और कैबिनेट मंत्रियों की ताकत क्यों छीन ली जाती है? क्या इसके पीछे कोई बड़ी रणनीति होती है या फिर ब्यूरोक्रेटस ही पूरी सरकार को अपने मनमुताबिक चला रहे हैं।
ट्रांसफर सेशन जीरो होने से प्रभावित होते हैं कर्मचारी
विभागों में ट्रांसफर सेशल जीरो होने से उन विभागों के कर्मचारियों को बड़ा झटका लगाता है, जो लंबे समय से उम्मीद लगाए बैठे रहते हैं। सबसे ज्यादा तो उनको झटका लगता है जो दांपत्य नीति, विकलांग कोटा और परिवारिक समस्या को लेकर अपने ट्रांसफर की उम्मीद पाले रहते हैं। ये लोग लंबे समय से अधिकारियों के चक्कर भी काटते हैं लेकिन अंत में इनको ब्यूरोक्रेटस की इस नीतियों से बड़ा झटका लग जाता है।
संविदा कर्मचारी लीक कर रहे रिपोर्ट
सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री कार्यालय में मौजूद कुछ संविदा कर्मचारी वहां की रिपोर्ट को लीक करते हैं। आदेश के कुछ देर बाद ही ये लोग उस रिपोर्ट को अपने कुछ खास लोगों तक पहुंचा देते हैं, जिसके कारण वो इसका सरकार की छवि को धूमिक करने के साथ लाभ भी उठा रहे हैं।