आयरलैंड के खिलाफ तीन मैचों की टी20 सीरीज (Three-Match T20 Series) का पहला मैच भारत ने डकवर्थ-लुईस-स्टर्न मेथड (Duckworth Lewis Stern Method) के तहत 2 रन से जीत लिया। इस मैच में टॉस हराने के बाद मेजबान आयरलैंड ने निर्धारित 20 ओवर में 7 विकेट खोकर 139 रन का स्कोर खड़ा किया। जिसके जवाब में दूसरी पारी में भारत ने 6.5 ओवर में दो विकेट खोकर 47 रन बना लिए थे। इसके बाद शुरू हुई बारिश के कारण मैच दोबारा शुरू नहीं पाया और डकवर्थ-लुईस-स्टर्न मेथड (DLS Method) से भारत ने दो रन से जीत हासिल की।
IND vs IRE 1st T20I: आयरलैंड के खिलाफ तीन मैचों की टी20 सीरीज (Three-Match T20 Series) का पहला मैच भारत ने डकवर्थ-लुईस-स्टर्न मेथड (Duckworth Lewis Stern Method) के तहत 2 रन से जीत लिया। इस मैच में टॉस हराने के बाद मेजबान आयरलैंड ने निर्धारित 20 ओवर में 7 विकेट खोकर 139 रन का स्कोर खड़ा किया। जिसके जवाब में दूसरी पारी में भारत ने 6.5 ओवर में दो विकेट खोकर 47 रन बना लिए थे। इसके बाद शुरू हुई बारिश के कारण मैच दोबारा शुरू नहीं पाया और डकवर्थ-लुईस-स्टर्न मेथड (DLS Method) से भारत ने दो रन से जीत हासिल की।
भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। पहली पारी में बल्लेबाजी करने उतरी आयरलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट पर 139 रन बनाए। आयरलैंड के लिए बैरी मैकार्थी ने सबसे ज्यादा नाबाद 51 रन बनाए। उन्होंने अपनी पारी में चार चौके और चार छक्के लगाए। पहली पारी में गेंदबाजी की बात करें तो भारत के लिए कप्तान जसप्रीत बुमराह, प्रसिद्ध कृष्णा और रवि बिश्नोई ने दो-दो विकेट लिए।
दूसरी पारी में 140 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने शानदार शुरुआत की है। पावरप्ले में भारत ने बिना कोई विकेट खोए 45 रन बना लिए थे। इसके बाद सातवें ओवर में क्रैग यंग ने लगातार दो गेंदों पर विकेट लेकर मैच में आयरलैंड की वापसी कराई है। उन्होंने पहले पहले यशस्वी जायसवाल को आउट किया। इसके बाद अगली ही गेंद पर तिलक वर्मा बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए। जायसवाल ने 23 गेंद में एक छक्का और तीन चौके की मदद से 24 रन बनाए।
इसके बाद बारिश के कारण खेल रुक गया है। भारत ने 6.5 ओवर में दो विकेट खोकर 47 रन बना लिए थे। लेकिन खेल दोबारा शुरू न हो सका। भारत ने डकवर्थ लुईस नियम के तहत दो रन से जीत हासिल की। शानदार गेंदबाजी के लिए कप्तान जसप्रीत बुमराह को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
डीएलएस मेथड का कब होता है इस्तेमाल
डकवर्थ-लुईस-स्टर्न मेथड (Duckworth Lewis Stern Method) है, जिसका इस्तेमाल मैच की उन स्थितियों में किया जाता है, जब बारिश या फिर अन्य कारण की वजह से सीमित ओवर के मैच में रनों का टारगेट पूरा करना संभव नहीं होता है। इस स्थिति में रनों में संशोधन किया जाता है। यह नियम दो ब्रिटिश सांख्यकिविदों Frank duckworth और Tony lewis द्वारा बनाया गया था। उन्होंने पहली बार इस नियम को 1997 में पेश किया गया था, हालांकि शुरुआत में इस नियम को अपनाया नहीं गया, बल्कि साल 1999 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद(ICC) द्वारा इसे अपनाया गया।
कैसे इस्तेमाल होता है डकवर्थ-लुईस-स्टर्न मेथड
डकवर्थ-लुईस-स्टर्न मेथड के अनुसार इस बात को ध्यान में रखा जाता है कि पहले खेलने वाली टीम ने इतने ही रिसोर्स (मैच के बारिश से बाधित होने तक) में कितना रन बनाया था। इसे आप कुछ ऐसे समझ सकते हैं।
टीम 2 का नया टारगेट = टीम 1 का स्कोर
टीम 2 का नया लक्ष्य = टीम 1 का स्कोर x (टीम 2 के रिसोर्स/ टीम 1 के रिसोर्स)
अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में रिसोर्स वैल्यू एक कम्प्यूटर प्रोग्राम के जरिए तय की जाती है जोकि एक जटिल प्रक्रिया है।