बाड़मेर में हाइवे किनारे बने एयरस्ट्रिप का गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Road Transport Minister Nitin Gadkari )ने उद्घाटन किया है। हरक्यूलिस विमान की लैंडिंग (Hercules plane landing) के साथ इसके साथ उद्घाटन हुआ। बता दें कि ये एयरस्ट्रिप (Airstrip) पाकिस्तान की सीमा के पास बनाई गई है और सामरिक लिहाज से काफी अहम है। हरक्यूलिस विमान की लैंडिंग (Hercules plane landing) के बाद भारतीय वायुसेना के( Indian Air Force ) लड़ाकू विमान ने टच डाउन किया।
राजस्थान। बाड़मेर में हाइवे किनारे बने एयरस्ट्रिप का गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Road Transport Minister Nitin Gadkari )ने उद्घाटन किया है। हरक्यूलिस विमान की लैंडिंग (Hercules plane landing) के साथ इसके साथ उद्घाटन हुआ। बता दें कि ये एयरस्ट्रिप (Airstrip) पाकिस्तान की सीमा के पास बनाई गई है और सामरिक लिहाज से काफी अहम है। हरक्यूलिस विमान की लैंडिंग (Hercules plane landing) के बाद भारतीय वायुसेना के( Indian Air Force ) लड़ाकू विमान ने टच डाउन किया।
Emergency Landing Facility on Satta-Gandhav stretch of NH-925A near Barmer is being inaugurated. Watch https://t.co/MykNONmJQX
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 9, 2021
जिस दौरान हरक्यूलिस ने लैंड किया उसमें राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी के साथ वायुेसना प्रमुख भी मौजूद थे। इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर से कुछ ही कदम दूर इस प्रकार की इमर्जेंसी लैंडिंग फील्ड का तैयार होना सिद्ध करता है कि भारत अपनी एकता, संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए सदैव तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत के अंदर किसी भी चुनौती का सामना करने की क्षमता है।
रक्षा मंत्री ने बताया कि हाल ही में बीआरओ (BRO) ने लद्दाख में, 19,300 फ़ीट पर दुनिया के सबसे ऊंचे मोटोरेबल रोड (Motorable road) का निर्माण कार्य पूरा किया है। 52 किलोमीटर लंबी यह रोड उमलिंगला पास (Umlingla pass )के माध्यम से पूर्वी लद्दाख (eastern ladakh) में चुमार सेक्टर (Chumar sector )के अनेक महत्त्वपूर्ण इलाकों को जोड़ेगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘भारतमाला परियोजना’ एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह देश के साढ़े पांच सौ जिलों districts को एक साथ जोड़ते हुए, उनके बीच लोगों और सामानों की आवाजाही को सुगम बनाएगी।
उन्होंने कहा कि सन 2016 में हमारी सरकार ने, इस तरह की आपातकालीन लैंडिंग क्षेत्र (emergency landing fields ) के लिए, अंतर-मंत्रालयी समिति (inter-ministerial committee) बना कर देशभर में 29 जगहें चिह्नित की थीं। इनमें 11 spots तो national highways पर हैं। हमारी सरकार ने शुरुआत से ही देशभर में न केवल roads और हाइवे (highways) का जाल, बल्कि स्ट्रैटेजिक और सिविल दृष्टि से महत्वपूर्ण जगहों पर इस तरह की आपातकालीन लैंडिंग क्षेत्र (emergency landing fields ) के निर्माण का भी हमने पूरा ध्यान रखा है
प्राकृतिक आपदाओं में राहत पहुंचाने की बात जब मैं करता हूं, तो मैं समझता हूं कि वह स्थिति भी किसी युद्धकाल से कम नहीं होती है। उसमें भी हमारी सेनाएं उसी त्याग, संकल्प और समर्पण का उदाहरण देती हैं जैसा युद्द के समय होता है यह हाईवे और लैंडिंग फील्ड (landing field) देश की पश्चिमी सीमा पर आधारभूत संरचना के साथ-साथ, सुरक्षा को और भी मज़बूत करेगा। न केवल हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा, बल्कि उसके साथ-साथ यह प्राकृतिक आपदाओं में भी अपनी अहम् भूमिका निभाएगा, ऐसा मेरा विश्वास है। अंतरराष्ट्रीय सीमा से कुछ ही कदम पहले, इस फील्ड का निर्माण कर आप लोगों ने यह साबित कर दिया, कि भारत की सुरक्षा के लिए हम लोग कितने तैयार हैं। मुझे बताया गया, कि 3 किलोमीटर लंबा यह stretch, Covid जैसी महामारी के बीच भी, महज 19 माह में बनाकर तैयार कर दिया गया।
ऐसे में इस आपातकालीन लैंडिंग क्षेत्र (emergency landing fields ) का निर्माण, मन में उत्साह भी पैदा करता है, और सुरक्षा के प्रति एक विश्वास भी। इसलिए आज का यह दिन हम सबके लिए एक खास दिन है। उन्होंने कहा कि आज हमारा देश अपनी आजादी का ‘अमृत महोत्सव’ मना रहा है। 1971 की विजय का ‘स्वर्णिम वर्ष’ मना रहा है। साथ ही यह स्थान, उत्तरलाई, जहाँ हम सभी उपस्थित हुए हैं, यह स्वयं 1971 की विजय का साक्षी रहा है।