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भारत युद्ध नहीं, बल्कि संवाद और कूटनीति का समर्थन करता है…ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में बोले पीएम मोदी

पीएम ने कहा, भारत युद्ध नहीं, बल्कि संवाद और कूटनीति का समर्थन करता है। जिस तरह हम कोविड जैसी चुनौती से मिलकर पार पा सके, उसी तरह हम निश्चित रूप से भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए नए अवसर पैदा करने में सक्षम हैं।

By शिव मौर्या 
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BRICS: ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार कहा, 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए मैं राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बधाई देता हूं और इससे जुड़े नई साथियों का एक फिर से स्वागत करता हूं। नए स्वरूप में ब्रिक्स विश्व की 40% मानवता और 30% अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करता है। पिछले लगभग 2 दशकों में ब्रिक्स ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में यह संगठन वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए और अधिक प्रभावी माध्यम बनकर उभरेगा।

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इसके साथ ही कहा, नए स्वरूप में ब्रिक्स 30 ट्रिलियन डॉलर से अधिक बड़ी अर्थव्यवस्था है। हमारे आर्थिक सहयोग को बढ़ाने में ब्रिक्स व्यापार परिषद और ब्रिक्स महिला व्यापार गठबंधन की विशेष भूमिका रही है। डब्ल्यूटीओ सुधारों, कृषि में व्यापार सुविधा, लचीली आपूर्ति श्रृंखला, ई-कॉमर्स और विशेष आर्थिक क्षेत्रों पर इस वर्ष ब्रिक्स के भीतर बनी सहमति हमारे आर्थिक सहयोग को मजबूत करेगी।

पीएम ने कहा, भारत युद्ध नहीं, बल्कि संवाद और कूटनीति का समर्थन करता है। जिस तरह हम कोविड जैसी चुनौती से मिलकर पार पा सके, उसी तरह हम निश्चित रूप से भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए नए अवसर पैदा करने में सक्षम हैं। बता दें कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग समेत ब्रिक्स देशों के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया।

इस दौरान पीएम मोदी ने आतंकवाद से निपटने के लिए ठोस वैश्विक प्रयासों की भी वकालत की और कहा कि इस खतरे से लड़ने में कोई दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए। आतंकवाद और आतंकी वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए हमें सभी के एकजुट और दृढ़ समर्थन की आवश्यकता है। इस गंभीर मामले में दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं है। हमें अपने देशों में युवाओं के कट्टरपंथीकरण को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, हमें संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के लंबे समय से लंबित मामले पर मिलकर काम करना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा, इसी तरह, हमें साइबर सुरक्षा और सुरक्षित एआई के लिए वैश्विक नियमों पर काम करने की जरूरत है।

 

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