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इंटरपोल ने 2023 में जारी किए 100 रेड नोटिस, जानें कितने भगोड़ों को वापस लाई भारत सरकार

इंटरपोल (Interpol) ने भारत की मांग पर 2023 में 100 रेड नोटिस जारी किए हैं। यह संख्या एक साल में सबसे ज्यादा है। 10वें इंटरपोल संपर्क अधिकारी सम्मेलन (10th Interpol Liaison Officer Conference) में सीबीआई के निदेशक प्रवीण सूद (CBI Director Praveen Sood) ने कहा कि हमने दुनियाभर के पुलिस बल से कहा है कि वे भारतीय एजेंसियों द्वारा वांछित और सीमा पार रह रहे भगोड़ों को हिरासत में लें।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। इंटरपोल (Interpol) ने भारत की मांग पर 2023 में 100 रेड नोटिस जारी किए हैं। यह संख्या एक साल में सबसे ज्यादा है। 10वें इंटरपोल संपर्क अधिकारी सम्मेलन (10th Interpol Liaison Officer Conference) में सीबीआई के निदेशक प्रवीण सूद (CBI Director Praveen Sood) ने कहा कि हमने दुनियाभर के पुलिस बल से कहा है कि वे भारतीय एजेंसियों द्वारा वांछित और सीमा पार रह रहे भगोड़ों को हिरासत में लें। उन्होंने कहा कि इंटरपोल (Interpol)  और अंतरराष्ट्रीय कानून प्रवर्तन सहयोगियों की मदद से 2023 में 29 और 2024 में अब तक 19 वांछित अपराधियों को भारत वापस लाया गया है।

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उन्होंने कहा कि सीबीआई (CBI) के ‘ग्लोबल ऑपरेशन सेंटर’ (Global Operation Center) ने 2023 में अंतरराष्ट्रीय सहायता के 17,368 अनुरोधों पर कार्रवाई की। सूद ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा वांछित अपराधियों और भगोड़ों के संबंध में इंटरपोल द्वारा 100 से अधिक रेड नोटिस जारी किए गए, जो किसी एक साल में अब तक की सबसे अधिक संख्या है। इंटरपोल रेड नोटिस गिरफ्तारी वारंट नहीं, बल्कि दुनिया भर के कानून प्रवर्तन एजेंसियों से अनुरोध है कि वे प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या इसी तरह की कानूनी कार्रवाई के लिए वांछित व्यक्ति का पता लगाएं और अस्थायी रूप से गिरफ्तार करें।

सीबीआई निदेशक (CBI Director) ने कहा कि आज दुनिया आतंकवाद, ऑनलाइन चरमपंथ, साइबर वित्तीय अपराध, ऑनलाइन बाल यौन शोषण, भ्रष्टाचार, मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद के वित्तपोषण जैसे गंभीर और वैश्विक अपराधों और खतरों का सामना कर रही है। सूद ने कहा कि मजबूत कानूनी ढांचे, नवाचार पहल, प्रौद्योगिकी से सक्षम भारत की पुलिस सक्रिय अंतरराष्ट्रीय सहयोग के साथ मिलकर इन चुनौतियों का समाधान करने में सबसे आगे रही है।

गृह सचिव गोविंद मोहन (Home Secretary Govind Mohan) ने भी सीबीआई के ‘ग्लोबल ऑपरेशन सेंटर’ (Global Operation Center) की सराहना की और रेखांकित किया कि यह केंद्र प्रतिदिन सहायता के 200-300 अनुरोधों पर गौर कर रहा है। गोविंद मोहन ने कहा कि अपराधियों एवं भगोड़ों को अंतरराष्ट्रीय न्याय क्षेत्र में भिन्नता के कारण लाभ नहीं मिलना चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।

 

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