ब्रिटेन सरकार (UK Government) ने टाटा मोटर्स (Tata Motors) के स्वामित्व वाली जगुआर लैंड रोवर (Jaguar Land Rover) को बड़ा सहारा दिया है। हाल ही में हुए गंभीर साइबर अटैक (Cyber Attacks) के चलते कंपनी का उत्पादन कई दिनों से ठप पड़ा है।
नई दिल्ली। ब्रिटेन सरकार (UK Government) ने टाटा मोटर्स (Tata Motors) के स्वामित्व वाली जगुआर लैंड रोवर (Jaguar Land Rover) को बड़ा सहारा दिया है। हाल ही में हुए गंभीर साइबर अटैक (Cyber Attacks) के चलते कंपनी का उत्पादन कई दिनों से ठप पड़ा है। अब सरकार ने 1.5 अरब पाउंड तक की लोन गारंटी देने का ऐलान किया है ताकि JLR की सप्लाई चेन को मजबूती मिले और हजारों नौकरियों पर संकट न आए। यह लोन एक कमर्शियल बैंक द्वारा दिया जाएगा, जिसे यूके सरकार (UK Government) का बिजनेस एंड ट्रेड डिपार्टमेंट (DBT) अपनी एक्सपोर्ट डेवलपमेंट गारंटी (EDG) के तहत समर्थन देगा। यह लोन 5 साल में चुकाना होगा।
नौकरियों और उद्योग की सुरक्षा
ब्रिटेन के बिजनेस एंड ट्रेड सेक्रेटरी पीटर काइल (UK Business and Trade Secretary Peter Kyle) ने इसे एक जरूरी कदम बताया। उन्होंने कहा,कि यह साइबर हमला (Cyber Attacks) न सिर्फ़ एक प्रतिष्ठित ब्रिटिश ब्रांड पर, बल्कि हमारे विश्व-स्तरीय ऑटोमोटिव सेक्टर और इससे जुड़े पुरुषों और महिलाओं की रोजी-रोटी पर हमला था। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इस गारंटी से वेस्ट मिडलैंड्स, मर्सीसाइड और पूरे यूके में कुशल नौकरियों को सुरक्षा मिलेगी। चांसलर रशेल रीव्स ने JLR को अर्थव्यवस्था का “एक रत्न” बताते हुए कहा कि यह क़दम हज़ारों नौकरियों को बचाएगा।
JLR ने शुरू किया काम
JLR ने हाल ही में बताया कि उसने नियंत्रित और चरणबद्ध तरीके से अपने कुछ डिजिटल सिस्टम को फिर से शुरू कर दिया है। कंपनी ने सप्लायर्स को भुगतान में हुई देरी को दूर करने के लिए अपनी इनवॉइस प्रोसेसिंग क्षमता को काफी बढ़ाया है।
कंपनी का ग्लोबल पार्ट्स लॉजिस्टिक्स सेंटर (Global Parts Logistics Center) भी पूरी क्षमता से काम पर लौट रहा है। इससे दुनिया भर में ग्राहकों की गाड़ियों को पार्ट्स मिलना आसान होगा। JLR की टीमें साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों और यूके सरकार की नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर (NCSC) के साथ मिलकर चौबीसों घंटे काम कर रही हैं ताकि सब कुछ सुरक्षित तरीके से पटरी पर लौट आए।
हमले के पीछे कौन?
JLR ब्रिटेन के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है, जिसके यूके ऑपरेशंस में 34,000 कर्मचारी सीधे तौर पर काम करते हैं और इसकी सप्लाई चेन में लगभग 1,20,000 लोग जुड़े हैं। माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे Scattered Lapsus$ Hunters नाम के एक ग्रुप का हाथ है। यही ग्रुप इससे पहले Marks & Spencer और Co-op जैसे बड़े रिटेलर्स पर भी साइबर अटैक (Cyber Attacks) कर चुका है। हाल ही में लंदन के मशहूर स्टोर Harrods पर भी ऐसा हमला हुआ, जिसमें ग्राहक डेटा चोरी की आशंका जताई गई।