उत्तर सरकार ने अपने सोशल मीडिया पर शिक्षक भर्ती निकाले जाने की घोषणा की थी। हालांकि कुछ समय बाद इस पोस्ट को डिलिट कर दिया गया। इस पोस्ट के डिलिट होने के बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिए हैं। इसके साथ ही बड़ी संख्या में लोग सोशल मीडिया पर भी पोस्ट को डिलिट किए जाने का कारण पूछ रहे हैं।
लखनऊ। उत्तर सरकार ने अपने सोशल मीडिया पर शिक्षक भर्ती निकाले जाने की घोषणा की थी। हालांकि कुछ समय बाद इस पोस्ट को डिलिट कर दिया गया। इस पोस्ट के डिलिट होने के बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिए हैं। इसके साथ ही बड़ी संख्या में लोग सोशल मीडिया पर भी पोस्ट को डिलिट किए जाने का कारण पूछ रहे हैं।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, उप्र में जिस तरह से नौकरियों के बारे में की गयी पोस्ट डिलीट कर दी गयी है, वैसे ही नौकरियां भी उप्र से डिलीट कर दी गयीं हैं। लगभग 2 लाख पदों की भर्ती की पोस्ट लगभग 2 दिन के लिए तो पोस्ट करके रखते। नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं।
उप्र में जिस तरह से नौकरियों के बारे में की गयी पोस्ट डिलीट कर दी गयी है, वैसे ही नौकरियाँ भी उप्र से डिलीट कर दी गयीं हैं।लगभग 2 लाख पदों की भर्ती की पोस्ट लगभग 2 दिन के लिए तो पोस्ट करके रखते।
नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 21, 2025
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दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से बुधवार को को सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट डाला गया। इसमें लिखा था कि, प्रदेश सरकार जल्द ही शिक्षकों के 1.93 लाख पदों पर भर्ती करने जा रही है। ये भर्तियां तीन चरणों में होंगी। हर चरण में करीब 65 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इस संबंध में दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के साथ हुई प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में वार्षिक कार्ययोजना पेश की। हालांकि, इस पोस्ट को कुछ देर बाद डिलिट कर दिया गया था।