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पैसे में बिका न्याय? जस्टिस यशवंत वर्मा घर में लगी आग तो निकला कैश का भंडार, सुप्रीम कोर्ट ने किया ट्रांसफर

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) ने दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) वापस इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) भेजने की सिफारिश की है। CJI संजीव खन्ना की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) ने उनको फिर से इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ट्रांसफर करने का फैसला किया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

इलाहाबाद। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) ने दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) वापस इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) भेजने की सिफारिश की है। CJI संजीव खन्ना की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) ने उनको फिर से इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ट्रांसफर करने का फैसला किया है। दरअसल, जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) के सरकारी बंगले में आग लगी थी। जिसके बाद उनके बंगले में भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ था। कैश बरामद होने के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।

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बता दें कि जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) के सरकारी बंगले में आग लगी थी। जिसके बाद उनके परिवार के सदस्यों ने फायर ब्रिगेड और पुलिस को बुलाया। आग बुझाने के बाद जस्टिस यशवंत वर्मा के बंगले में पुलिस और दमकल कर्मियों को भारी मात्रा में कैश मिला है। जिस वक्त आग लगी तब जस्टिस वर्मा शहर में नहीं थे।

वहीं सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium)  के कुछ सदस्यों ने भारी मात्रा में कैश बरामद होने पर चिंता जाहिर की है। कॉलेजियम के सदस्यों का मानना ये भी है कि अगर जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma)  का सिर्फ तबादला किया गया तो न्यायपालिका की छवि पर बुरा असर पड़ेगा। कॉलेजियम के सदस्यों का कहना ये भी है कि जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma)  से इस्तीफा मांगना चाहिए। इस्तीफा न देने पर उनके खिलाफ संसद में महाभियोग की प्रकिया शुरू करना चाहिए।

कौन हैं जस्टिस यशवंत वर्मा?

जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) का जन्म 6 जनवरी 1969 को इलाहाबाद (Allahabad) में हुआ था। उन्होंने हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से बीकॉम (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, 1992 में रीवा विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की। 8 अगस्त 1992 को उन्होंने वकील के रूप में पंजीकरण कराया और इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) में वकालत का कार्य आरंभ किया। जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) ने अक्टूबर 2021 में दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। इससे पूर्व, उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उन्हें 13 अक्टूबर 2014 को अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 1 फरवरी 2016 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। इसके बाद, उन्हें 11 अक्टूबर 2021 को दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया।

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जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में अपने कार्यकाल के दौरान श्रम और औद्योगिक कानून, कॉर्पोरेट कानून, कराधान और अन्य संबंधित क्षेत्रों में गहरी विशेषज्ञता हासिल की। उन्होंने 2006 से इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के विशेष वकील के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। इसके अलावा, जस्टिस वर्मा ने 2012 से अगस्त 2013 तक उत्तर प्रदेश के मुख्य स्थायी वकील के रूप में कार्य किया, जिसके बाद उन्हें कोर्ट द्वारा वरिष्ठ वकील के रूप में नामित किया गया।

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