भारत के सबसे प्रतिष्ठित खेल संस्थानों में शामिल बॉम्बे जिमखाना ने अपनी 150 वर्षों की गौरवशाली यात्रा (1875–2025) को एक ऐतिहासिक सम्मान के साथ चिह्नित किया। भारत सरकार के संचार मंत्री एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने बॉम्बे जिमखाना के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर विशेष स्मारक डाक टिकट जारी किया।
मुंबई। भारत के सबसे प्रतिष्ठित खेल संस्थानों में शामिल बॉम्बे जिमखाना ने अपनी 150 वर्षों की गौरवशाली यात्रा (1875–2025) को एक ऐतिहासिक सम्मान के साथ चिह्नित किया। भारत सरकार के संचार मंत्री एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने बॉम्बे जिमखाना के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर विशेष स्मारक डाक टिकट जारी किया। यह अवसर भारतीय खेल इतिहास, डाक विरासत और राष्ट्रीय गौरव के संगम का साक्षी बना।
डाक टिकट का विमोचन करते हुए श्री सिंधिया ने कहा कि डाक टिकट केवल संग्रहणीय वस्तुएं नहीं, बल्कि राष्ट्र की जीवंत स्मृतियां होती हैं। बॉम्बे जिमखाना पर जारी यह स्मारक टिकट उस संस्था को श्रद्धांजलि है जिसने डेढ़ सदी से भारतीय खेल संस्कृति को आकार दिया है। उन्होंने जिमखाना को उत्कृष्टता, अनुशासन और सामुदायिक भावना का प्रतीक बताते हुए कहा कि ऐसी संस्थाएं भारत की पहचान को वैश्विक मंच पर सशक्त बनाती हैं।
An absolute honour to mark 150 glorious years of the Bombay Gymkhana, a place close to my heart where I grew up embracing sport and absorbing its values and traditions, with the release of a commemorative @IndiaPostOffice stamp.
With this stamp, we honour two legacies that have… pic.twitter.com/ZWG9WT09wb
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) December 13, 2025
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1875 में स्थापित बॉम्बे जिमखाना भारत का पहला प्रामाणिक बहु-खेल केंद्र रहा है, जिसने क्रिकेट, हॉकी, टेनिस, बैडमिंटन, स्क्वैश और एथलेटिक्स सहित अनेक खेलों में विश्वस्तरीय प्रतिभाएं दी हैं। सुनील गावस्कर, रवि शास्त्री, दिलीप वेंगसरकर और महेश भूपति जैसे दिग्गजों से इसका नाम जुड़ा रहा है।
स्मारक डाक टिकट का यह विमोचन केवल अतीत का उत्सव नहीं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को खेल, अनुशासन और विरासत से जोड़ने का प्रेरक संदेश है—जिसे ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने राष्ट्रीय मंच पर सशक्त रूप से रेखांकित किया।