धर्म ग्रथों में भगवान कल्कि के अवतरण और उनकी महिमा के बारे में बताया गया है। कल्कि अवतार का वर्णन श्री मद्भागवत पुराण, विष्णु पुराण, स्कन्ध पुराण, भविष्य पुराण आदि कई पुराणों में आता है।
Kalki Dham Sambhal : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को संभल के ऐंचोड़ा कंबोह स्थित श्री कल्कि धाम मंदिर (Shri Kalki Dham Temple) का शिलान्यास किया। इसके बाद कल्कि मंदिर के गर्भगृह में पीएम मोदी (PM Modi) ने पूजा अर्चना की। धर्म ग्रथों में भगवान कल्कि के अवतरण और उनकी महिमा के बारे में बताया गया है। कल्कि अवतार का वर्णन श्री मद्भागवत पुराण, विष्णु पुराण, स्कन्ध पुराण, भविष्य पुराण आदि कई पुराणों में आता है।
बुरे कर्मों का विनाश होगा
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु के दस अवतार बताए जाते हैं, जिनमें नौ का जन्म हो चुका है और दसवें अवतार का जन्म अभी बाकी है। दसवें अवतार के रूप में भगवान कल्कि जन्म लेंगे। कल्कि भगवान विष्णु के आखिरी अवतार माने जाते हैं। कल्कि पुराण और अग्नि पुराण के अनुसार, श्री हरि का ‘कल्कि’ अवतार कलियुग के अंत में अवतरित होगा। उसके बाद धरती से सभी पापों और बुरे कर्मों का विनाश होगा।
पुष्य नक्षत्र में अवतार लेंगे
श्रीमद्भागवत गीता के 12वें स्कंद में भी भगवान विष्णु के कल्कि अवतार का उल्लेख है और बताया गया है कि कलयुग के आखिर और सतयुग के संधि काल में भगवान विष्णु कल्कि के तौर पर अवतार लेंगे। बताया गया है कि जब गुरु, सूर्य और चंद्रमा एक साथ पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, तब भगवान कल्कि का विष्णुयशा नामक ब्राह्मण परिवार के घर में जन्म होगा। वह सफेद घोड़े पर सवार होंगे और 64 कलाओं से युक्त होंगे।
श्रीमद्भागवत के 12वें स्कंद में लिखा है-
शम्भल ग्राम मुख्यस्य ब्राह्मणस्य महात्मनः।
भवने विष्णुयशसः कल्किः प्रादुर्भविष्यति॥
भगवान कल्कि सफेद घोड़े पर सवार होकर करेंगे पापियों का नाश
पुराणों के अनुसार भगवान कल्कि का जन्म सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को संभल नामक स्थान पर विष्णुयशा नाम के एक ब्राह्मण परिवार में होगा। भगवान कल्कि के पिता भगवान विष्णु के भक्त होंगे। साथ में वह वेदों और पुराणों के ज्ञाता भी होंगे। भगवान कल्कि सफेद घोड़े पर सवार होकर पापियों का नाश करके फिर से धर्म की रक्षा करेंगे।
पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान कल्कि के अवतार लेते ही सतयुग का आरम्भ और कलियुग का अन्त होगा। कलियुग का प्रारंभ 3102 ईसा पूर्व से हो चुका है, जिसका अभी प्रथम चरण चल रहा है।