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Kannada-Tamil language Controversy : कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा-कमल हासन हो या कोई भी हो…,अगली सुनवाई 10 जून को

कन्नड़-तमिल भाषा विवाद (Kannada-Tamil language Controversy) में फंसे एक्टर कमल हासन (Kamal Haasan) को कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने साफ कर दिया है कि 'चाहे कोई भी हो', जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार किसी को नहीं है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

कर्नाटक। कन्नड़-तमिल भाषा विवाद (Kannada-Tamil language Controversy) में फंसे एक्टर कमल हासन (Kamal Haasan) को कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने साफ कर दिया है कि ‘चाहे कोई भी हो’, जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार किसी को नहीं है। दरअसल, हासन की आगामी फिल्म Thug Life की रिलीज पर कर्नाटक में बैन की अपील के खिलाफ याचिका दायर हुई थी। कमल हासन (Kamal Haasan)  की फिल्म रिलीज पर सुनवाई अब 10 जून को होगी।

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जस्टिस नागप्रसन्ना मामले की सुनवाई कर रहे थे। हाईकोर्ट ने कहा कि किसी भी नागरिक को भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है। जल, नील, बाशी ये तीन चीजें नागरिकों के लिए जरूरी हैं। इस देश का बंटवारा भाषा के आधार पर हुआ था।’ उन्होंने कहा कि अगर एक पब्लिक फिगर ऐसे बयान देगा। कोई भी भाषा किसी और भाषा से नहीं जन्मी है। इससे क्या हुआ, माहौल खराब हुआ। और कर्नाटक के लोग आपसे क्या चाहते थे, सिर्फ माफी।

जज ने कहा कि ये हालात कमल हासन (Kamal Haasan)  के तैयार किए हुए हैं और वो कहते हैं कि माफी नहीं मांगेंगे। आपने कर्नाटक के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। किस आधार पर। आप कोई इतिहासकार हैं? भाषा के जानकार हैं?’ उन्होंने कहा कि अब आप यहां आर्थिक हित को लेकर आ गए कि आपकी तरफ से बनाई गई स्थिति पर पुलिस सुरक्षा मुहैया कराए। एक माफी समाधान कर सकती थी। कानून में हम विचार करेंगे, लेकिन रवैया तो देखिए।’

कोर्ट ने यह भी कहा है कि आप कमल हासन (Kamal Haasan)  हो सकते हैं या कोई भी हों, आप लोगों की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचा सकते। याचिकाकर्ता के लिए कोर्ट पहुंचे एडवोकेट ज्ञान चिनप्पा ने कहा कि एक्टर के बयान को कोर्ट को एक बार देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसका मकसद किसी को अपमानित करना नहीं था। इस पर कोर्ट ने कहा कि (अगर आप माफी नहीं मांगते हैं तो) आप क्यों कर्नाटक में अपनी फिल्म चलाना चाहते हैं? जाने दीजिए। अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल कर जनता की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जा सकती। आप माफी मांगते हैं, तो कोई परेशानी नहीं। आप कर्नाटक से भी करोड़ों कमाना चाहते हैं।

फिलहाल, उच्च न्यायालय ने याचिका पर कोई फैसला नहीं सुनाया है। कोर्ट ने हासन से माफी मांगने पर विचार करने के लिए कहा है। साथ ही सुनवाई को दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दिया है।

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