उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) गुरुवार को बेंगलुरु पहुंचे और श्री धर्मस्थल मंजूनाथेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरोपैथी एंड यौगिक साइंस क्षेमवन (यूनिट) का उद्घाटन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने संबोधित करते हुए कहा कि कर्नाटक संकट का साथी है। उन्होंने कहा कि जब प्रभु श्रीराम कर्नाटक के वनों में सहयोग के लिए भटक रहे थे तो तब हनुमानजी आगे आए थे।
बेंगलुरु। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) गुरुवार को बेंगलुरु पहुंचे और श्री धर्मस्थल मंजूनाथेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरोपैथी एंड यौगिक साइंस क्षेमवन (यूनिट) का उद्घाटन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने संबोधित करते हुए कहा कि कर्नाटक संकट का साथी है। उन्होंने कहा कि जब प्रभु श्रीराम कर्नाटक के वनों में सहयोग के लिए भटक रहे थे तो तब हनुमानजी आगे आए थे।
हनुमान जी की सहायता से उस समय जो मजबूत सेतु बंध का निर्माण हुआ था, वह भारत में रामराज्य की स्थापना का आधार बना। राम राज्य आधारशिला को मजबूत करने की प्रथम भूमि कर्नाटक है। सीएम योगी ने भगवान श्री मंजूनाथ परंपरा को नाथ सम्प्रदाय से जोड़ते हुए कहा कि यह मंजूनाथम गोरक्षम की परंपरा को बढ़ाता है।
कर्नाटक को वैसे भी 'संकट का साथी' कहा गया है।
प्रभु श्रीराम जब वन में सहयोग के लिए भटक रहे थे तब इसी कर्नाटक में बजरंगबली मारुतिनंदन हनुमान जी उनकी सहायता को आगे आए थे: #UPCM @myogiadityanath pic.twitter.com/mSWLoOkiZz
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उन्होंने कहा कि कर्नाटक और उत्तर प्रदेश का बहुत घनिष्ठ सम्बंध है। इसके साथ ही कहा कि, बेंगलुरु को आईटी का हब माना जाता है। अब यह तेजी के साथ ट्रेडिशनल मेडिसिन के एक नए हब के रूप में दुनिया का मार्गदर्शन करता हुआ दिखाई देगा।
बेंगलुरु को IT का हब माना जाता है।
अब यह तेजी के साथ ट्रेडिशनल मेडिसिन के एक नए हब के रूप में दुनिया का मार्गदर्शन करता हुआ दिखाई देगा: #UPCM @myogiadityanath pic.twitter.com/v5ojb4Ht9K
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भारत की ऋषि परंपरा ने इस बात को माना है- ‘शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्‘ यानि जितने भी धर्म के साधन हैं वह शरीर के माध्यम से ही हो पाएंगे। योग और आयुष की ताकत को दुनिया ने इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोविड-19 के दौरान स्वीकार किया है।