मुंबई की रहने वाली कॉन्टेंट क्रिएटर आस्था शाह विटिलिगो से पीड़ित पहली भारतीय हैं, जिन्हें कान्स फिल्म फेस्टिवल के रेड कारपेट पर चलने का मौका मिला. विटिलिगो एक स्किन डिसऑर्डर है जिसमें शरीर की त्वचा सफेद होने लगती है. उन्होंने बताया कि वह हर किसी को दिखाना चाहती थीं कि सुंदरता सभी शेड्स और पैटर्न में मौजूद है.
Aastha Shah Cannes Film Festival: मुंबई की रहने वाली कॉन्टेंट क्रिएटर आस्था शाह (Aastha Shah) विटिलिगो से पीड़ित पहली भारतीय हैं, जिन्हें कान्स फिल्म फेस्टिवल (Cannes Film Festival) के रेड कारपेट पर चलने का मौका मिला. विटिलिगो (vitiligo) एक स्किन डिसऑर्डर है जिसमें शरीर की त्वचा सफेद होने लगती है. उन्होंने बताया कि वह हर किसी को दिखाना चाहती थीं कि सुंदरता सभी शेड्स और पैटर्न में मौजूद है.
आपको बता दें, आस्था (Aastha Shah) ने डिजाइनर फौद सरकिस का डिजाइन किया हुआ खूबसूरत ग्रीन कलर का गाउन पहना था. बेहतरीन डिजाइन ने उनकी नेचुरल ब्यूटी को उजागर किया, जिससे उनके विटिलिगो पर ध्यान आकर्षित हुआ, जो सशक्त और प्रेरणादायक दोनों है. कॉन्टेंट क्रिएटर को पॉपुलर शॉर्ट वीडियो (Popular short video) मैगजीन ‘ब्रूट’ का समर्थन मिला है.
उन्होंने इंस्टाग्राम पर डी-डे से फोटोज की एक सीरीज शेयर की है. आस्था ने लिखा, ‘कान्स के रेड कार्पेट पर ग्रीन फ्लैग.’ 26 साल की आस्था ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, ‘मैं बचपन से ही विटिलिगो के साथ जी रही हूं. शुरुआत में, मुझे पैच थे और मैं दवा ले रही थी. मैं कभी भी अपने शरीर के प्रति सचेत नहीं थी, क्योंकि मेरे माता-पिता मुझे हमेशा सहज महसूस कराते थे. हालांकि समाज ने मुझे ऐसा महसूस कराया कि मेरे साथ कुछ गलत है.’
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आस्था ने कहा कि जब विटिलिगो उनके पूरे शरीर में फैल गया तो उन्होंने दवा लेना बंद कर दिया. आस्था ने यह फैसला इसलिए लिया, क्योंकि वह खुद को वैसे ही स्वीकार करना चाहती थी जैसे वह हैं और अपने आस-पास के सभी लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती थी. आस्था ने ग्लोबल लेवल पर ‘विटिलिगो क्वीन’ के नाम से मशहूर कनाडाई फैशन मॉडल विनी हार्लो को अपनी सबसे बड़ी प्रेरणा बताया.