अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) के विरोध के बावजूद ब्रिटेन सरकार (UK Government) रविवार को फलस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र (Palestine Independent Nation) के रूप में मान्यता देने जा रही है। ब्रिटेन ने यह फैसला तब लिया है, जब उसने यह माना कि इस्राइल ने गाजा युद्ध को लेकर तय शर्तों को पूरा नहीं किया है।
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) के विरोध के बावजूद ब्रिटेन सरकार (UK Government) रविवार को फलस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र (Palestine Independent Nation) के रूप में मान्यता देने जा रही है। ब्रिटेन ने यह फैसला तब लिया है, जब उसने यह माना कि इस्राइल ने गाजा युद्ध को लेकर तय शर्तों को पूरा नहीं किया है।
यह कदम प्रतीकात्मक माना जा रहा है। फिर भी ब्रिटेन को उम्मीद है कि इससे गाजा में संघर्ष को खत्म करने का राजनयिक दबाव बढ़ेगा और दीर्घकालिक शांति की दिशा में रास्ता साफ होगा। उप प्रधानमंत्री डेविड लैमी (Deputy Prime Minister David Lammy) ने बताया कि प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर (British PM Keir Starmer) रविवार को इस फैसले की घोषणा करेंगे। लैमी इस महीने की शुरुआत तक ब्रिटेन विदेश मंत्री थे। उन्होंने स्काई न्यूज (Sky News) से कहा कि अगर आज फलस्तीन को राष्ट्र के रूप में मान्यता देने का फैसला होता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह तुरंत अस्तित्व में आ जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह कदम दो-राष्ट्र समाधान की संभावना को जीवित रखने में मदद करेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि फलस्तीनी लोगों को हमास से जोड़कर देखना गलत है। जुलाई में जब उनकी लेबर पार्टी के अंदर से इसको लेकर भारी दबाव था। प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर (PM Keir Starmer) ने कहा था कि अगर इस्राइल गाजा में संघर्ष विराम के लिए तैयार नहीं होता है। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) को मदद लाने की अनुमति नहीं देता और दीर्घकालिक शांति की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाता, तो ब्रिटेन फलस्तीनी को राष्ट्र के रूप में मान्यता देगा।
यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है, जब इस हफ्ते संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) की बैठक होनी है। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और फ्रांस जैसे अन्य देश भी फलस्तीनी राष्ट्र को मान्यता देने की तैयारी कर रहे हैं। इस फैसले से कुछ ही दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ब्रिटेन की राजकीय यात्रा पर आए थे। उन्होंने इस योजना का विरोध किया। ट्रंप ने कहा कि इस मुद्दे पर मेरा प्रधानमंत्री से मतभेद है। वास्तव में हमारे बीच यह गिने-चुने मतभेदों में से एक है।
आलोचकों में अमेरिका और इस्राइली सरकार शामिल हैं, जो दो-राष्ट्र समाधान में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। उन्होंने इस योजना की आलोचना की है और कहा है कि यह हमास और आतंकवाद को इनाम देने जैसा है। प्रधानमंत्री स्टारमर ने साफ किया है कि हमास का फलस्तीनी लोगों के भविष्य के शासन में कोई स्थान नहीं होगा और उसे अभी भी बंधक बनाए गए इस्राइली नागरिकों को रिहा करना होगा, जो सात अक्तूबर 2023 के हमलों से जुड़े हैं।