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Kisan Andolan : दिल्ली कूच का फैसला टला , शुभकरण की अंतिम अरदास पर तीन मार्च को होगा आगे की रणनीति का एलान

शंभू और खनौरी बॉर्डर (Shambhu and Khanauri Border) पर धरने पर बैठे किसानों ने दिल्ली कूच (Delhi Kooch) का फैसला तीन मार्च तक टाल दिया है। शंभू बॉर्डर (Shambhu  Border) पर किसान नेता मनजीत सिंह राय (Farmer leader Manjeet Singh Rai) और बलदेव जीरा (Baldev Jeera) ने पत्रकार वार्ता में कहा कि दिल्ली कूच (Delhi Kooch)  पर तीन मार्च को शुभकरण की अंतिम अरदास (भोग) पर एलान किया जाएगा।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। शंभू और खनौरी बॉर्डर (Shambhu and Khanauri Border) पर धरने पर बैठे किसानों ने दिल्ली कूच (Delhi Kooch) का फैसला तीन मार्च तक टाल दिया है। शंभू बॉर्डर (Shambhu  Border) पर किसान नेता मनजीत सिंह राय (Farmer leader Manjeet Singh Rai) और बलदेव जीरा (Baldev Jeera) ने पत्रकार वार्ता में कहा कि दिल्ली कूच (Delhi Kooch)  पर तीन मार्च को शुभकरण की अंतिम अरदास (भोग) पर एलान किया जाएगा।

पढ़ें :- Kisan Andolan: फिर दिल्ली कूच करेंगे किसान, शंभू बॉर्डर से सरवन सिंह पंधेर का एलान

वहीं, शंभू व खनौरी (Shambhu and Khanauri ) की तरह दिल्ली जाने वाले अन्य रास्तों पर भी मोर्चे लगाए जाएंगे। इसकी शुरुआत डबवाली से की जा रही है। यहां भी बड़ी संख्या में किसानों को इकट्ठा किया जाएगा। सरकार अगर किसानों को आगे जाने देगी तो ठीक है, वरना किसान यहीं डटे रहेंगे, क्योंकि आंदोलनरत किसान जत्थेबंदियां नहीं चाहती कि संघर्ष में कोई और जान जाए।

रविवार को बठिंडा के गांव बल्लो में शुभकरण की अंतिम अरदास के मौके पर सरवण सिंह पंधेर व जगजीत सिंह डल्लेवाल औपचारिक एलान करेंगे। उन्होंने बड़ी संख्या में लोगों से वहां पहुंचने की अपील की है। किसानों ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार ने आंसू गैस के गोले फेंकने के लिए इजरायल से मंगवाए गए ड्रोनों का इस्तेमाल किया है। किसानों ने साफ किया कि जब तक एमएसपी (MSP)की कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

उधर, शंभू बॉर्डर (Shambhu  Border) पर किसानों का जमावड़ा बढ़ रहा है। शुक्रवार को शंभू बॉर्डर (Shambhu  Border)  पर केरल, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से भी कुछ किसान नेता पहुंचे। शंभू बॉर्डर (Shambhu  Border)  पर करीब चार से पांच किलोमीटर तक ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का काफिला लगा है, जिनमें किसान अस्थायी ठहराव बनाकर रह रहे हैं। आंदोलन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी टोलियों में आ रही हैं। किसानों के लिए आसपास के गांवों से लोग लंगर ला रहे हैं। विभिन्न गुरुद्वारा कमेटियां भी दिन-रात शंभू बॉर्डर (Shambhu  Border)  पर लंगर लगा रही हैं।

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