अक्सर चावल में कितना पानी डालना है इसका अंदाजा न होने की वजह से या तो चावल जल जाता है या फिर एकदम गीला गीला और आपस में चिपका हुआ बनता है।
अक्सर चावल में कितना पानी डालना है इसका अंदाजा न होने की वजह से या तो चावल जल जाता है या फिर एकदम गीला गीला और आपस में चिपका हुआ बनता है।अगर आपके साथ भी आए दिन ऐसा ही होता है तो आज हम आपको इसकी ट्रिक बताने जा रहे है जिसे फॉलो करे आप पानी में कितना चावल डालना है इसका अंदाज आसानी से कर लेगे।
सबसे पहले जान ले कि चावल कई तरह के होते हैं। लॉन्ग ग्रेन, शॉर्ठ ग्रेन, जैस्मीन, बासमती और ब्राउन राइस आदि। ये दिखने में और स्वाद में तो अलग होते ही है बल्कि इन्हे पकाने का तरीका भी एकदम अलग होता है। इन चावलों के साइज और टाइप पर निर्भर करा है कि किस चावल में कितना पानी डालना चाहिए।
अगर आप सही तरीके से चावल पकाएं तो कभी जलेंगे नहीं। चावल फूला हुआ औऱ खिला खिला एकदम अलग अलग बनेगा।चमेली और बासमती चावल जैसे लंबे दाने वाले चावल हल्के औऱ फूले हुए होते हैं। जबकि छोटे दाने वाले चावल, चिपचिपे होते है और उनके जलने का खतरा अधिक होता है।
चावल पकाने से पहले इस बात का ध्यान जरुर रखें कि आप किस प्रकार का चावल पकाने जा रहे हैं और उसमें उस चावल के अनुसार पानी डालें।पानी और चावल का अनुपात सही तरह से चावल पकाने के लिए बहुत जरूरी है। आमतौर पर लोग जिस नियम के साथ चलते हैं वो है कि चावल और पानी का अनुपात 1:2 का होना चाहिए।
हालांकि, यह अनुपात चावल के प्रकार और व्यक्तिगत पसंद के आधार पर अलग हो सकता है। । अगर आप कुकर या इंस्टेंट पॉट में चावल पका रहे हैं और आपने चावल को पहले से भिगोकर रखा है, तब पानी का उपयोग कम किया जाता है। चावल जलने का एक कारण बर्तन हो सकता है।
हल्के तले वाला बर्तन बहुत जल्दी गर्म हो जाता है और चावल उसमें चिपकने लगता है। इस तरह से चावल ऊपर से गीला रह जाता है, लेकिन नीचे का पानी जल्दी सूखने की वजह से जलने लगता है।
अगर आप चाहते हैं कि चावल अच्छी तरह से पकें, तो उन्हें धीमी आंच पर पकाना चाहिए। धीमी आंच पर चावल पकाने से बर्तन में धीरे-धीरे भाप बनती है, जो धीरे-धीरे चावल सोखते हैं।
इसके कारण हल्के और फूले हुए चावल बनते हैं।पानी डालने के बाद भी यदि आपको डर रहता है कि चावल जल जाएगा, तो आप कुकर में पहले और बाद में थोड़ा-थोड़ा घी डाल सकते हैं।