संकष्टी चतुर्थी का व्रत महिलाएं संतान के सेहतमंद जीवन और लंबी आयु की कामना के साथ करती हैं। आज बुधवार के दिन संकष्टी चतुर्थी है जोकि (बुधवार) गणेश भगवान का दिन है। यही वजह है कि इस संकष्टी चतुर्थी पर की जाने वाली पूजा का विशेष फल मिलेगा।
नई दिल्ली: संकष्टी चतुर्थी व्रत हर माह में पड़ता है। वैशाख माह में संकष्टी चतुर्थी व्रत 30 अप्रैल शुक्रवार को है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन गणेश भगवान की पूजा-अर्चना करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और हर बाधा मिट जाती है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र गणेश भगवान को समर्पित है। गणेश भगवान रिद्धि, सिद्धि के देवता हैं।
संकष्टी चतुर्थी का व्रत महिलाएं संतान के सेहतमंद जीवन और लंबी आयु की कामना के साथ करती हैं। आज बुधवार के दिन संकष्टी चतुर्थी है जोकि (बुधवार) गणेश भगवान का दिन है। यही वजह है कि इस संकष्टी चतुर्थी पर की जाने वाली पूजा का विशेष फल मिलेगा।
हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, गणेश जी को प्रथम देव माना गया है,यही वजह है कि हर शुभ कार्य से पहले उनकी ही पूजा-अर्चना की जाती है, और उनका व्रत रखा जाता है। गणेश भगवान को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। इस व्रत को करने वाले जातकों के जीवन के कष्ट और बाधाएं गणेश भगवान हर लेते हैं।
संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्म और स्नान करने बाद पूजाघर की साफ सफाई करें, आसन पर बैठकर व्रत का संकल्प लें और पूजा शुरू करें। गणेश भगवान गणेश जी की प्रिय चीजें पूजा में अर्पित करें और उन्हें मोदक का भोग लगाएं। संकष्टी चतुर्थी का व्रत सूर्योदय के समय से लेकर चन्द्रमा उदय होने के समय तक व्रत रखा जाता है।