Lifetime ban on Pakistani Hockey Players: पाकिस्तान हॉकी महासंघ ने अपने तीन खिलाड़ियों और एक फिजियोथेरेपिस्ट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया है। इन चारों पर बिना बाटाए भागकर यूरोपीय देश में शरण लेने का प्रयास करने का आरोप है। पीएचएफ के महासचिव राणा मुजाहिद ने गुरुवार को पुष्टि की।
Lifetime ban on Pakistani Hockey Players: पाकिस्तान हॉकी महासंघ (Pakistan Hockey Federation) ने अपने तीन खिलाड़ियों और एक फिजियोथेरेपिस्ट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया है। इन चारों पर बिना बताए भागकर यूरोपीय देश में शरण लेने का प्रयास करने का आरोप है। पीएचएफ के महासचिव राणा मुजाहिद (PHF General Secretary Rana Mujahid) ने गुरुवार को पुष्टि की।
जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान हॉकी टीम (Pakistan Hockey Team) के खिलाड़ी मुर्तजा याकूब (Murtaza Yaqoob), इहतेशाम असलम (Ihtesham Aslam) और अब्दुर रहमान (Abdur Rahman) के साथ फिजियोथेरेपिस्ट वकास पर आजीवन प्रतिबंध लगाया गया है। पिछले महीने नीदरलैंड और पोलैंड में नेशंस कप के दौरान चारो ने यूरोप में शरण लेने का प्रयास किया। जिसके बाद सभी के खिलाफ यह कार्रवाई की गयी है।
पीएचएफ के महासचिव राणा मुजाहिद ने कहा, “नेशंस कप के बाद जब टीम स्वदेश लौटी और हमने एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के लिए प्रशिक्षण शिविर की घोषणा की, तो तीनों ने हमें सूचित किया कि घरेलू मुद्दों के कारण वे शिविर में शामिल नहीं हो पाएंगे। बाद में हमें पता चला कि वे टीम को जारी किए गए उसी शेंगेन वीजा पर एक बार फिर हॉलैंड चले गए थे और वहां राजनीतिक शरण मांगी थी।”
मुजाहिद ने इस प्रकरण को पाकिस्तान हॉकी के लिए “निराशाजनक” बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह स्थिति भविष्य में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए यूरोपीय देशों में वीजा के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया को जटिल बना देगी।
उन्होंने कहा कि आजीवन प्रतिबंध को पीएचएफ कांग्रेस ने मंजूरी दे दी है और खिलाड़ियों को निर्वासित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमने आगे की कार्रवाई के लिए आंतरिक और विदेश मंत्रालय को पहले ही सूचित कर दिया है।”
हालांकि, पूर्व ओलंपियन ने माना कि पीएचएफ की वित्तीय स्थिति कठिन थी और खिलाड़ियों को उनके यात्रा भत्ते और दैनिक निर्वाह भुगतान में देरी का सामना करना पड़ा, लेकिन ये मुद्दे उनके कार्यों को उचित नहीं ठहराते थे। यह घटना पाकिस्तान हॉकी के भीतर चल रही चुनौतियों पर प्रकाश डालती है और टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय भागीदारी के भविष्य पर सवाल उठाती है।