रूस की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने 10 अगस्त को लूना-25 अंतरिक्ष यान को लॉन्च किया था, जोकि सोमवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला है। लेकिन लैंडिंग से ठीक पहले कुछ तकनीक समस्या सामने आयी है। जिसके बाद लैंडिंग को लेकर कई तरह की आशंकाएं पैदा हो गयी हैं। फिलहाल यह पता नहीं चल सका है कि क्या यह खराबी लूना-25 के चंद्रमा पर लैंडिंग को प्रभावित करेगी या नहीं।
Luna 25 Russia Landing: रूस की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस (Roscosmos) ने 10 अगस्त को लूना-25 अंतरिक्ष यान को लॉन्च किया था, जोकि सोमवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला है। लेकिन लैंडिंग से ठीक पहले कुछ तकनीक समस्या सामने आयी है। जिसके बाद लैंडिंग को लेकर कई तरह की आशंकाएं पैदा हो गयी हैं। फिलहाल यह पता नहीं चल सका है कि क्या यह खराबी लूना-25 (Luna-25) के चंद्रमा पर लैंडिंग को प्रभावित करेगी या नहीं।
रूस की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस का कहना है कि लूना-25 अंतरिक्ष यान में एक असमान्य स्थिति (Abnormal Condition) पैदा हुई, जब वह प्री-लैंडिंग ऑर्बिट में ट्रांसफर होने के लिए तैयार हो रहा था। शनिवार को एक संक्षिप्त बयान में कहा कि ऑपरेशन के दौरान ऑटोमेटिक स्टेशन पर एक असामान्य स्थिति उत्पन्न हुई, जिसने निर्दिष्ट मापदंडों के साथ अंतरिक्ष यान (Spacecraft) को मनुवर करने की अनुमति नहीं दी। विशेषज्ञ हालात का विश्लेषण कर रहे हैं।
बता दें कि लूना-25 ने बुधवार को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया। यह 1976 के बाद ऐसा करने वाला पहला रूसी अंतरिक्ष यान (Russian Spacecraft) है। इसे चंद्रमा के एक हिस्से का पता लगाने के लिए वैश्विक महाशक्तियों के बीच होड़ का हिस्सा बताया जा रहा है। लूना-25 का प्रमुख काम चंद्रमा की सतह पर मौजूद पानी के निशान को ढूंढना और उससे जुड़ी एक्सपेरिमेंट को अंजाम देना है। रूसी वैज्ञानिकों (Russian Scientists) का मानना है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में जमा हुआ पानी और कीमती तत्व हो सकते हैं।