सनातन धर्म में अमावस्या तिथि पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है। माघ के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या कहते हैं।
Magh Mauni Amavasya 2024 : सनातन धर्म में अमावस्या तिथि पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है। माघ के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या कहते हैं। पौराणिक शास्त्रों में वर्णित है कि इस दिन मौन रहना चाहिए और गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों, जलाशय अथवा कुंड में स्नान करना चाहिए। धर्म शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस पवित्र तिथि पर उपवास करने की भी परंपरा है।
हिंदी पंचांग के अनुसार, के अनुसार, साल 2024 में 9 फरवरी, शुक्रवार सुबह 8 बजकर 2 मिनट से मौनी अमावस्या की तिथि शुरू हो रही है जो अगले दिन 10 फरवरी, शनिवार सुबह 4 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।
मान्यता के अनुसार, इस दिन जो व्यक्ति मौन रहकर उपवास का पालन करता है उसे मुनि पद की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज के संगम में स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। अमावस्या तिथि पितरों के लिए समर्पित होती है इसलिए जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष है, वो लोग इस दिन श्राद्ध और तर्पण कर सकते हैं। इस दिन गंगा का जल अमृत के समान होता है।