1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. Maha Shivaratri 2024 : महाशिवरात्रि को रात्रि 4 प्रहर की पूजा का विशेष महत्व होता है , जानें शुभ योग और पूजा का मुहूर्त

Maha Shivaratri 2024 : महाशिवरात्रि को रात्रि 4 प्रहर की पूजा का विशेष महत्व होता है , जानें शुभ योग और पूजा का मुहूर्त

 भगवान शिव और देवी शक्ति पूजा की पूजा का विशेष पर्व महाशिवरात्रि फाल्गुन माह में मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखा जाता है और भगवान शिव की विशेष पूजा-अभिषेक किया जाता है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Maha Shivaratri 2024 :  भगवान शिव और देवी शक्ति पूजा की पूजा का विशेष पर्व महाशिवरात्रि फाल्गुन माह में मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखा जाता है और भगवान शिव की विशेष पूजा-अभिषेक किया जाता है। शिव भक्तों द्वारा महा शिवरात्रि के त्योहार को हेराथ या हेराथ कहा जाता है। महाशिवरात्रि होली से पहले फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। शिव जी की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, इसलिए उदया तिथि देखना जरूर नहीं होता है। ऐसे में इस साल महाशिवरात्रि का व्रत 8 मार्च 2024 को रखा जाएगा। इस दिन महादेव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। भक्त गण महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करते हैं और वर मांगते है।

पढ़ें :- Paush Month 2025 : कल से पौष माह का आरंभ, श्राद्ध, तर्पण, दान फलदायी माने जाते हैं

साल 2024 में महाशिवरात्रि 8 मार्च, शुक्रवार को है. नववर्ष में फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 8 मार्च की रात 09 बजकर 57 मिनट पर प्रारंभ होगी और 9 मार्च की शाम 06 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में महाशिवरात्रि की निशिता पूजा का मुहूर्त देर रात 8 मार्च की देर रात 12 बजकर 07 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 56 मिनट तक है।

भगवान शिव की पूजा के विशेष नियम है। भगवान शिव को अर्पित की जाने वाली वस्तुओं का विशेष महत्व है। भगवान शिव पर अक्षत, पान, सुपारी, रोली, मौली, चंदन, लौंग, इलायची, दूध, दही, शहद, घी, धतूरा, बेलपत्र, कमलगट्टा आदि भगवान को अर्पित करें। पूजन करें और अंत में आरती करें।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...