नए साल पर सोहगीबरवा सेंक्चुरी में पर्यटकों के आमद बढ़ने से वन विभाग में राजस्व में इजाफा होने लगा है। सेंक्चुरी क्षेत्र के तीन प्रमुख टूरिस्ट प्वाइंट दर्जिनिया ताल, पकड़ी रेंज का बोकड़ा देवी मंदिर व चौक क्षेत्र के सोनाड़ी माता मंदिर में पर्यटक पहुंचे। इसमें से घने जंगल में स्थित बोकड़ा देवी व दर्जिनिया ताल में सैर-सपाटा के लिए वन विभाग को आमदनी भी हुई।
महराजगंज :नए साल पर सोहगीबरवा सेंक्चुरी में पर्यटकों के आमद बढ़ने से वन विभाग में राजस्व में इजाफा होने लगा है। सेंक्चुरी क्षेत्र के तीन प्रमुख टूरिस्ट प्वाइंट दर्जिनिया ताल, पकड़ी रेंज का बोकड़ा देवी मंदिर व चौक क्षेत्र के सोनाड़ी माता मंदिर में पर्यटक पहुंचे। इसमें से घने जंगल में स्थित बोकड़ा देवी व दर्जिनिया ताल में सैर-सपाटा के लिए वन विभाग को आमदनी भी हुई।
निचलौल रेंजर सुनील राव ने बताया कि नए साल पर मगरमच्छों के लिए मशहूर दर्जनिया ताल व नारायणी नदी के टेलफाल पर सैलानी उमड़े थे। वाहन व पर्यटन शुल्क के रूप में पहली जनवरी को 26 हजार रुपये का राजस्व वन विभाग को मिला। पर्यटन से आय बढ़ने से वन विभाग बेहद उत्साहित है। जंगल के अंदर पर्यटन विकास की दो करोड़ की परियोजना को स्वीकृति मिल चुकी है। जल्द ही कार्य शुरू करा दिया जाएगा। आने वाले दिनों में सुविधाएं मिलने से पर्यटन में इजाफा होगा।
पकड़ी रेंजर मोहन सिंह ने बताया कि बोकड़ा देवी मंदिर घने जंगल में स्थित है। वहां प्रवेश के लिए कार के लिए दो सौ रुपए व टैम्पो के लिए सौ रुपए की फीस निर्धारित है। इसकी रसीद भी काट की दी जाती है। पहली जनवरी को बोकड़ा देवी मंदिर में एक हजार से अधिक सैलानी व 50 वाहन पहुंचे थे। इससे शुल्क के रूप में करीब सात हजार रुपये का राजस्व अर्जित हुआ। चौक क्षेत्र में नए साल पर जंगल सफारी के लिए दो वाहनों की बुकिंग हुई थी। इससे करीब 46 सौ रुपए विभाग को शुल्क के रूप में मिला। चौक रेंज का सोनाड़ी माता मंदिर भी प्रमुख पर्यटन केन्द्र में शामिल है। यह जंगल के बाउंड्री पर है। इसलिए यहां वन विभाग शुल्क नहीं लेता। पर, यह मंदिर भी पर्यटकों से नए साल पर गुलजार रहा।
इस संबंध में डीएफओ पुष्प कुमार के. ने बताया कि सोहगीबरवा वन्यजीव अभ्यारण्य में कई टूरिज्म स्पॉट हैं। उनको विकसित करने की कई योजनाएं पाइपलाइन में है। जंगल सफारी के अलावा मगरमच्छ प्रजनन केन्द्र व पकड़ी रेंज का बोकड़ा देवी मंदिर पर्यटकों से गुलजार रहा। पर्यटन से वन विभाग को राजस्व भी मिलना शुरू हो गया है। यह शुभ संकेत है।
महराजगंज ब्यूरो प्रभारी विजय चौरसिया की रिपोर्ट