यूपी (UP) के मैनपुरी निवासी युवक की रविवार की दिल्ली में देर शाम हृदयगति रुकने से मौत हो गई। बेटे के निधन की खबर जब वृद्ध मां को मिली तो बेटे के गम में उनकी भी सांसे थम गईं। कुछ ही पलों में मां-बेटे की मौत से घर में कोहराम मच गया है। सोमवार की सुबह मां-बेटे की चिताएं एक साथ जलीं तो हर किसी की आंखें नम हो गईं।
मैनपुरी। यूपी (UP) के मैनपुरी निवासी युवक की रविवार की दिल्ली में देर शाम हृदयगति रुकने से मौत हो गई। बेटे के निधन की खबर जब वृद्ध मां को मिली तो बेटे के गम में उनकी भी सांसे थम गईं। कुछ ही पलों में मां-बेटे की मौत से घर में कोहराम मच गया है। सोमवार की सुबह मां-बेटे की चिताएं एक साथ जलीं तो हर किसी की आंखें नम हो गईं।
बता दें कि बिछवां थाना क्षेत्र के गांव इन्नीखेड़ा निवासी सचिन (36) दिल्ली में ओला कंपनी में अपनी कार चलाता था। रविवार की शाम को वह घर पर था। तभी अचानक उसके सीने में दर्द हुआ। जानकारी होने के बाद परिजन उसे लेकर जब तक अस्पताल पहुंचे। तब तक सचिन की मौत हो चुकी थी।
सचिन की मौत की खबर जब गांव इन्नीखेड़ा में रह रही वृद्ध मां कुसमा देवी (65) ने सुनी तो वह बेटे का नाम लेकर बैठ गईं। परिजन समझ रहे थे कि बेटे की मौत की खबर से वह सदमे में हैं। लेकिन जब कुछ देर तक शरीर में कोई हरकत नहीं हुई तो परिजन पास पहुंचे। पता चला कि रेशमा देवी की सांसों की डोर भी टूट चुकी थी।
कुछ ही देर में मां बेटे की इस तरह से मौत से घर में चीख पुकार मच गई। घर से चीख पुकार की आवाजें सुनकर आसपास के लोग एकत्र हो गए। कुछ परिजन देर रात ही सचिन का शव लेने के लिए दिल्ली चले गए। सोमवार की सुबह मां बेटे के शवों का एक ही स्थान पर अंतिम संस्कार किया गया। पहले बेटे और गम में मां की मौत से घर में मातम पसरा हुआ है।
चार भाइयों में बड़ा था सचिन
परिजन ने बताया कि कुसमा देवी के चार पुत्रों में सचिन सबसे बड़ा था। उसने कार खरीदी और दिल्ली में रह कर ओला कंपनी में चलाने लगा था। मां बेटे के बीच असीम प्रेम था, किसी भी समस्या में होने पर सचिन मां को फोन कर सारी बात बताता था। वहीं मां भी अपना दुख दर्द बडे़ बेटे से बाटती थी। कुसमा देवी अपने तीन बेटों को भी बेहद प्रेम करतीं थीं, लेकिन सचिन बड़ा होने के साथ ही घर का जिम्मेदार शख्स भी था। जिस कारण मां और अन्य भाई भी सम्मान करते थे।