सनातन धर्म में मकर संक्रांति के पर्व का खास महत्व है। यह त्यौहार नई फसल और नई ऋतु के आगमन का भी प्रतीक है। मकर संक्रांति पर्व के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण इसे बहुत धूमधाम से उल्लास के साथ मनाया जाता है।
Makar Sankranti 2024 : सनातन धर्म में मकर संक्रांति के पर्व का खास महत्व है। यह त्यौहार नई फसल और नई ऋतु के आगमन का भी प्रतीक है। मकर संक्रांति पर्व के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण इसे बहुत धूमधाम से उल्लास के साथ मनाया जाता है। मकर संक्राति के दिन दान- स्नान का विशेष महत्व है। इस साल मकर संक्रांति पर रवि योग बन रहा है। ऐसे में इस योग में सूर्य पूजा की जाए, तो कई तरह के लाभ होते हैं।
इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास (Kharmas) का भी समापन हो जाएगा। इसके अलावा मकर संक्रांति पर रवि योग, (Ravi Yog) अमृत काल और अभिजीत मुहूर्त भी बन रहे हैं।
महापुण्य काल योग
ज्योतिषों के अनुसार, मकर संक्रांति पर पुण्य काल योग सुबह 7:15 से शुरू होगा जो शाम 5:56 तक रहेगा। वहीं महापुण्य काल योग सुबह 7:15 से सुबह 9:00 तक ही रहेगा। इस दौरान स्नान, पूजा, जाप, दान-पुण्य आदि चीजें करने का विधान है।
अभिजीत मुहूर्त
मकर संक्रांति पर अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:09 से 12:51 तक रहेगा। वहीं, रवि योग सुबह 7:15 से लेकर सुबह 8:07 तक ही रहेगा।