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यूपी में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप बढ़ा,प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने प्रभावी अभियान चलाने के दिए निर्देश

यूपी में इन दिनों तीन बीमारियों मलेरिया (Malaria) , डेंगू (Dengue) और चिकनगुनिया (Chikungunya) का प्रकोप है। मौसम भी इन बीमारियों के लिए खासा मुफीद साबित हो रहा है। मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी में इन दिनों तीन बीमारियों मलेरिया (Malaria) , डेंगू (Dengue) और चिकनगुनिया (Chikungunya) का प्रकोप है। मौसम भी इन बीमारियों के लिए खासा मुफीद साबित हो रहा है। मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मलेरिया के मामले खासतौर से लखनऊ और आसपास के जिलों के साथ लखीमपुर व तराई क्षेत्र में तेजी से बढ़े हैं। लखनऊ व लखीमपुर इस मामले में शीर्ष पर हैं। केस पिछले साल की तुलना में तीन गुना से अधिक बढ़े हैं। वहीं डेंगू के सर्वाधिक मरीज लखीमपुर खीरी में सामने आए हैं। जिनका आंकड़ा बीते वर्ष की तुलना में करीब छह गुना है। चिकनगुनिया के प्रकरण भी लखनऊ और वाराणसी में सबसे ज्यादा दर्ज हुए हैं। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने हालिया समीक्षा बैठक में चिंता जताते हुए प्रभावी रोकथाम के निर्देश दिए हैं। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा (Principal Secretary Health Partha Sarathi Sen Sharma) ने प्रभावी अभियान चलाने के निर्देश भी सभी मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को भेजे हैं। सभी अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के रोगियों के लिए बेड आरक्षित करने, जांच, दवा के पूरे इंतजाम करने को कहा गया है।

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करना था कम बढ़ गए केस मलेरिया की बात करें तो सरकार ने वर्ष 2030 तक प्रदेश को मलेरिया मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। यह अलग बात है कि 2023 की तुलना में इस साल सितंबर तक प्रदेश में मलेरिया के करीब चार हजार अधिक केस सामने आ चुके हैं। यह वो आंकड़े हैं, जो सरकारी रिकार्ड में दर्ज हुए हैं। असल संख्या इससे कहीं अधिक है। मलेरिया और डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि जांच का दायरा बढ़ने के कारण मामले बढ़े हैं। हालांकि ऐसा हुआ भी है। अब प्रदेश के छोटे-बड़े अस्पतालों के अलावा आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर भी जांच की सुविधा उपलब्ध है, जो पहले नहीं थी।

मलेरिया में यह हैं टॉप-10 जिले

मलेरिया के मामले में प्रदेश के टॉप-10 जिलों में लखनऊ, लखीमपुर खीरी, बदायूं, हरदोई, बरेली, सीतापुर, शाहजहांपुर, पीलीभीत, गौतमबुद्ध नगर और संभल शामिल हैं। लखनऊ में 25 सितंबर तक पिछले साल 187 केस मिले थे, मगर इस बार यह संख्या 597 पहुंच चुकी है। लखीमपुर में पिछले साल 143 केस मिले थे, जो संख्या अब 510 हैं। बदायूं में पिछले साल के केस अब तक 1200 थे, मगर अबकी बार 3087 केस मिल चुके हैं।

इन जिलों में डेंगू के सर्वाधिक मामले डेंगू के मामले देखें तो पिछले साल की तुलना में अभी यह संख्या कम है। मगर लखीमपुर सहित कई जिलों में केस तेजी से बढ़ रहे हैं। लखीमपुर में 25 सितंबर तक 2023 में डेंगू के सिर्फ 43 केस मिले थे। मगर इस बार यह 220 हो चुके हैं। लखनऊ में भी अब तक 442 मामले सामने आ चुके हैं। वाराणसी में 112, जौनपुर में 95, फतेहपुर में 107, सुल्तानपुर में 72 सहित कई जिलों में केस पिछले साल की तुलना में अधिक हैं। डेंगू के मामले में प्रदेश में शीर्ष 10 जिलों की बात करें तो इनमें लखनऊ, लखीमपुर खीरी, फतेहपुर, वाराणसी, अयोध्या, बलिया, झांसी, प्रयागराज, जौनपुर, कानपुर नगर शामिल हैं। चिकनगुनिया की स्थिति देखें तो अभी तक सर्वाधिक केस वाराणसी और लखनऊ में मिले हैं। वहीं शीर्ष 10 जिलों की बात करें तो इसमें लखनऊ, वाराणसी, सहारनपुर, हरदोई, संतकबीरनगर, बाराबंकी, गोंडा, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बहराइच शामिल हैं।

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