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‘मैंने देश की रक्षा की, लेकिन पत्नी और गांव नहीं बचा पाया’ करगिल युद्ध लड़ चुके रिटायर्ड सूबेदार पति का छलका दर्द

मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न अवस्था में जबरन घुमाए जाने के बाद सड़क से संसद तक उबाल देखने को मिल रहा है। इसी बीच एक और खुलासा हुआ है कि भीड़ की दरिंदगी का शिकार एक महिला के पति करगिल युद्ध में लड़ चुके हैं और रिटायर्ड सूबेदार हैं। उन्होंने बताया है कि उनके इलाके में हालात बेहद खतरनाक और डराने वाले हैं।

By संतोष सिंह 
Updated Date

Manipur Case Full Details: मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न अवस्था में जबरन घुमाए जाने के बाद सड़क से संसद तक उबाल देखने को मिल रहा है। इसी बीच एक और खुलासा हुआ है कि भीड़ की दरिंदगी का शिकार एक महिला के पति करगिल युद्ध में लड़ चुके हैं और रिटायर्ड सूबेदार हैं। उन्होंने बताया है कि उनके इलाके में हालात बेहद खतरनाक और डराने वाले हैं। हालांकि काफी किरकिरी होने के बाद मणिपुर की नाकारा सरकार और पुलिस अब तक मुख्य आरोपी हुईरम हीरोदास समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

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बता दें कि एक अखबार से बातचीत में 65 वर्षीय रिटायर्ड सैनिक और हैवानियत का शिकार हुईं पत्नी बताती हैं कि उनका सब कुछ तबाह हो चुका है। उन्होंने कहा कि वह सामान से सम्मान तक सब गंवा चुके हैं। पीड़ित पत्नी ने कहा कि हम दो महिलाओं को बंदूक की नोक पर हजारों लोगों के सामने कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया। अगर हमने कपड़े नहीं उतारे, तो उन्होंने हमें जान से मारने की धमकी दी।’

पीड़िता ने आगे बताया कि उन्होंने हमें नाचने पर मजबूर किया, धक्का दिया और परेड कराई। वे सभी जगंली जानवरों की तरह बर्ताव कर रहे थे। पूर्व सैनिक ने बताया कि वह डिप्रेशन में चली गई थी, लेकिन हमारे बच्चों की चिंता करनी थी, इसलिए वह सामान्य होने की कोशिश कर रही है।’

मेरा घर बॉर्डर से ज्यादा खतरनाक

उन्होंने कहा कि मैंने करगिल में लड़कर सामने से जंग देखी है। और जब मैं घर वापस आया, तो मेरी खुद की जगह युद्धक्षेत्र से ज्यादा खतरनाक है।’ उन्होंने बताया कि ‘वे 4 मई को हमारे गांव आए और घरों को आग लगाना शुरू कर दिया। सभी गांव वाले जान बचाने के लिए यहां बागे। मेरी पत्नी मुझे अलग हो गई और चार अन्य गांववालों के साथ जंगल में पेड़ के पीछे छिप गई।

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महिलाओं को बचा रहे पुरुषों को भी जान से मारा

उन्होंने कहा कि कुछ हमलावरों ने हमारी बकरियों, सुअरों और मुर्गियों को पकड़ा और गांव में भी गए, जहां मेरी पत्नी और अन्य लोगों को खोजकर बंदी बना लिया। पूर्व सैनिक बताया कि महिला को बचाने की कोशिश कर रहे पिता और भाई को मौके पर ही मार दिया। उन्होंने बताया कि पत्नी के अलावा एक महिला, एक बच्चा और एक ही परिवार के तीन सदस्य और थे, जिसमें पिता, बेटा और बेटी थी। भीड़ पुलिसवालों से छीनकर सभी को ले गई।

‘सामने पत्नी को ले गए’

पूर्व सैनिक ने हैवानों की भीड़ को याद किया और बताया कि ‘मैं देख सकता था कि वे पत्नी और अन्य चार लोगों को कुछ दूरी पर ले गए। तीन महिलाओं को कपड़े उतारने पर मजबूर किया गया। हाथों में बच्चे लिए एक महिला को बाद में छोड़ दिया गया और जाने दिया गया। भीड़ ने कम उम्र की महिला का उत्पीड़न करने की कोशिश की और जब उसके भाई और पिता ने दखल दिया, तो उन्हें मार दिया गया।’

उन्होंने बताया है कि हैवानों की हैवानियत करीब दो-तीन घंटों तक चली। वह देर रात अपनी पत्नी से नागा गांव में मिले और छोटी लड़की को उसका प्रेमी ले गया। फिलहाल, पति-पत्नी चूड़ाचांदपुर में राहत शिविर में रह रहे हैं।

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‘हिंसा करने वालों में से कुछ को पहचान सकता हूं’

सेना के रिटायर जवान ने कहा कि हिंसा के वक्त वहां पुलिस का जवान भी मौजूद था, लेकिन वह वहां से पुलिस स्टेशन चला गया और लोग हिंसा करने लगे। जवान ने बताया कि एक तरह पुलिस भाग गई थी और उन्हें खुली छूट मिल गई थी। उन्होंने कहा कि मैं वीडियो में दिख रहे कुछ लोगों को पहचान सकता हूं लेकिन जो दूर के हैं, उन्हें पहचानना मुश्किल है।

मैं अपनी पत्नी, अपने घर और अपने गांव की रक्षा नहीं कर पाया

‘देश की रक्षा की लेकिन अपने गांव और पत्नी को नहीं बचा पाया’ सेना में सूबेदार रह चुके पीड़ित महिला के पति ने बताया कि मैं श्रीलंका में था, कारगिल में भी अपने देश के लिए सेवा की लेकिन अब रिटायर होने के बाद मैं अपनी पत्नी, अपने घर और अपने गांव की रक्षा नहीं कर पाया। सेना के पूर्व जवान ने कहा कि अत्याचार करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई हो। उन्हें सख्त से सख्त सजा मिले।

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