मार्गशीर्ष माह में भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। सनातनधर्म में पितृपक्ष में पितरों के आत्मा आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान,श्राद्ध करने की परंपरा है।
Margashirsha Amavasya 2025 Date : मार्गशीर्ष माह में भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। सनातनधर्म में पितृपक्ष में पितरों के आत्मा आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान,श्राद्ध करने की परंपरा है। मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पितरों को तर्पण और पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने भगवद्गीता में भी कहा है, ‘महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं। साथ ही यह दिन चंद्रदेव को भी समर्पित है।
मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 की तिथि (Margashirsha Amavasya 2025 Date)
मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि की शुरू- 19 नवंबर 2025 को सुबह 09:43 मिनट पर
मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि का समाप्त- 20 नवंबर 2025 को दोपहर 12:16 मिनट पर
भगवान विष्णु और शिवजी की विधिपूर्वक पूजा
इस दिन सूर्य देव को जल अर्पित करें और व्रत का संकल्प लें। साथ ही भगवान विष्णु और शिवजी की विधिपूर्वक पूजा करें।
लक्ष्मी जी के 108 नामों का जाप
धार्मिक मान्यता है कि मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी के 108 नाम का जाप करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और घर में लक्ष्मी जी का वास होता है। आप अगहन अमावस्या के दिन नीचे दिए गए लक्ष्मी जी के 108 नामों का जाप कर सकते हैं।