सनातन धर्म में जिस मार्गशीर्ष पूर्णिमा को बेहद शुभ और फलदायी माना गया है। मार्गशीर्ष माह में भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है।
Margashirsha Purnima 2025 : सनातन धर्म में जिस मार्गशीर्ष पूर्णिमा को बेहद शुभ और फलदायी माना गया है। मार्गशीर्ष माह में भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। इस दिन आसमान में चंद्र देवता पूर्ण आकृति लिए दिखाई देते हैं। ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है, ऐसे में पूर्णिमा की पूजा मन शांति कामनाओं को पूरा करने के लिए अत्यंत ही फलदायी मानी गई है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि 4 दिसंबर को सुबह 08:37 बजे से शुरू होकर अगले दिन 5 दिसंबर को प्रात: 04:43 बजे तक रहेगी। पूर्णिमा तिथि में चंद्रोदय 4 दिसंबर को होगा, इसलिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत, स्नान और दान भी 4 दिसंबर को ही होगा।
अगहन पूर्णिमा पर भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए साधक को सभी कामनाओं को पूरा करने वाला विष्णु सहस्त्रनाम (Vishnu Sahasranamam) का पाठ करना चाहिए।
सूर्य देव को अर्घ्य
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।,
प्रत:सूर्य देव को अर्घ्य दें। इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और पूरे दिन मन शांत व खुश रहता है।
विष्णु चालीसा
पूजा के बाद विष्णु चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है।
तिल का दीपक
पीपल के नीचे तिल का दीपक जलाने से आर्थिक परेशानियां धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं। कहा जाता है कि यह उपाय रुके हुए कामों को भी आगे बढ़ाता है और जीवन में सफलता दिलाता है।
देवी लक्ष्मी को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन घर में साफ स्थान पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं। विष्णु भगवान और माता लक्ष्मी की प्रतिमा रखें। भगवान को चंदन, फूल और माला अर्पित करें। Goddess Lakshmi को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं और आरती करें।