पाकिस्तानी राजनीति (Pakistani Politics) में तूफान आया गया, जब JUI-F प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान (JUI-F chief Maulana Fazlur Rehman) ने अपने देश की सेना और सरकार के दोहरे मानकों पर सवाल उठाए। कराची के ल्यारी में उन्होंने दो टूक कहा कि यदि पाकिस्तान (Pakistan) अफगानिस्तान में घुसकर कार्रवाई को जायज मानता है, तो वह भारत द्वारा बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकानों पर हमलों का विरोध कैसे कर सकता है?
नई दिल्ली। पाकिस्तानी राजनीति (Pakistani Politics) में तूफान आया गया, जब JUI-F प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान (JUI-F chief Maulana Fazlur Rehman) ने अपने देश की सेना और सरकार के दोहरे मानकों पर सवाल उठाए। कराची के ल्यारी में उन्होंने दो टूक कहा कि यदि पाकिस्तान (Pakistan) अफगानिस्तान में घुसकर कार्रवाई को जायज मानता है, तो वह भारत द्वारा बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकानों पर हमलों का विरोध कैसे कर सकता है?
पाकिस्तान में पीएम शहबाज शरीफ (PM Shehbaz Sharif) के नेतृत्व वाली सरकार और पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ( Pakistan Field Marshal Asim Munir)के नेतृत्व वाली सेना को उनके ही नेता आईना दिखाते हुए जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F ) का चीफ मौलाना फजलुर रहमान (Maulana Fazlur Rehman) ने पाकिस्तानी सरकार और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर (Army Chief General Asim Munir) के दोगले रवैये की पोल खोलकर रख दी है। मौलाना ने सवाल किया कि अगर अगर पाकिस्तान अफगानिस्तान में कार्रवाई को जायज ठहराता है, तो फिर भारत द्वारा पाकिस्तान के भीतर आतंकी ठिकानों पर हमले को गलत कैसे कह सकता है?
बॉलीवुड फिल्म धुरंधर से सुर्खियों में आए ल्यारी से मौलाना फजलुर रहमान (Maulana Fazlur Rehman) ने कहा कि अगर पाकिस्तान का अफगानिस्तान पर हमला करना जायज है तो फिर भारत पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकियों को क्यों नहीं मार सकता। दरअसल, 22 दिसंबर को मजलिस इत्तेहाद-ए-उम्मत पाकिस्तान के तत्वावधान में कराची के ल्यारी में एक सर्वदलीय और सभी धर्मों सभा आयोजित की गई थी।
सभा को संबोधित करते हुए मौलाना फजलुर रहमान (Maulana Fazlur Rehman) ने पाकिस्तानी सरकार और सेना पर जमकर हमला बोला। मौलाना ने कहा कि ‘अगर आप कहते हैं कि हमने अफगानिस्तान में अपने दुश्मन पर हमला किया और उसे सही ठहराते हैं। फिर हिंदुस्तान आपसे कहता है कि उसने बहावलपुर और मुरीदके में आतंकी कैंप पर हमला कर पहलगाम हमले का बदला लिया तो फिर आप भारत की कार्रवाई पर एतराज क्यों कर रहे हैं?’
बता दें कि मौलाना का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब पाकिस्तान की अफगानिस्तान नीति पहले से ही सवालों के घेरे में है। वे लगातार इस नीति की आलोचना करते रहे हैं। अक्टूबर में जब दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था, तब मौलाना फजलुर रहमान (Maulana Fazlur Rehman) ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश भी की थी। बता दें कि ल्यारी से दिया गया मौलाना का यह बयान न सिर्फ पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति में हलचल पैदा कर रहा है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा और दोहरे मानकों पर भी एक नई बहस छेड़ गया है। पाकिस्तानी समाचार पत्र डॉन (Pakistani Newspaper Dawn) की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामाबाद में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मौलाना फजलुर रहमान (Maulana Fazlur Rehman) ने कहा कि अतीत में वे दोनों देशों के बीच तनाव कम कराने में भूमिका निभा चुके हैं और अब भी ऐसा कर सकते हैं।’
जानें कौन हैं मौलाना फजलुर रहमान?
मौलाना फजलुर रहमान (Maulana Fazlur Rehman) की सियासी हैसियत और प्रभाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वे तालिबान के सर्वोच्च नेता शेख हिबतुल्लाह से मुलाकात करने वाले एकमात्र पाकिस्तानी राजनीतिक नेता हैं। अफगान तालिबान के बीच उनके प्रभाव को भी व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है।
मौलाना फजलुर रहमान (Maulana Fazlur Rehman) एक प्रमुख इस्लामी विद्वान और अनुभवी राजनेता हैं। वे पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती महमूद के पुत्र हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा धार्मिक मदरसों में हुई। इसके बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा और आज वे जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) के अध्यक्ष हैं।